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भाजपा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा दिल्ली में लालकिले की हिंसा के पीछे कमयुनिस्ट पार्टी का हाथ बता दें कि यूपी गेट बॉर्डर पर पिछले दो महीने से ज्यादा समय से बड़ी संख्या में किसान धरने पर बैठे हुए हैं। किसानों ने वहीं अपने तंबू लगाए हुए हैं। अभी तक इन किसानों को पानी का टैंकर, अस्थाई सुलभ शौचालय और स्ट्रीट लाइट से कनेक्शन करने के बाद लाइट भी दी गई थी। लेकिन, जिस तरह से गणतंत्र दिवस पर किसान ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में उत्पात मचा उसके बाद से देशभर में इन लोगों के खिलाफ गुस्सा भरा हुआ है। हर कोई किसानों के खिलाफ तीखी प्रतिक्रिया दे रहा है और इन्हें सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की जा रही है। वहीं, अब गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर पर बैठे किसानों की देर रात बिजली काटी गई और किसानों को रात अंधेरे में ही गुजारनी पड़ी है। जिस तरह से अचानक यहां की बिजली काटी गई है, उससे लगता है कि अब धरने पर बैठे किसानों को दी जा रहीं अन्य सुविधाएं भी बंद की जा सकती हैं।
समाप्त नहीं होगा हमारा आंदोलन: राकेश टिकैत गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा कि इस तरीके से हमारा आंदोलन समाप्त नहीं होगा। गांव-गांव में धरने चलेंगे। बिजली काटी गई है वह भी देखा जाएगा। आगे आंदोलन को मजबूती मिलेगी।
बगैर बिजली काम करना हमारी आदत बिजली काटे जाने पर गाजीपुर में किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने कहा कि आंदोलन किसान कर रहे हैं और वह खेत में भी बिना बिजली के काम करते हैं। इसकी उन्हें आदत है। उन्होंने कहा कि सरकार आंदोलन को खत्म करने के लिए तानाशाही पर उतर आई है।