19 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

पत्रिका अभियानः आधी ठंड बीत गई सरकारी स्कूलों के बच्चों को नहीं मिले स्वेटर

यूपी सरकार ने बच्चों से इस सत्र में स्वेटर देने का वादा किया था, लेकिन यह आधी सर्दी बीतने के बाद भी पूरा नहीं किया गया

2 min read
Google source verification
fight for right

वैभव शर्मा/ जयप्रकाश
गाज़ियाबाद/ मुरादाबाद. उत्तर प्रदेश सरकार ने सरकारी प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले नौनिहालों को ठंड से बचाने के लिए स्वेटर, जूते और मोजे देने का ऐलान किया था। लेकिन, कंपकपाती ठंड शुरू हो चुकी है फिर भी बच्चों को स्वेटर नहीं मिले हैं । हालांकि, कई स्कूलों में जूते-मोजे तो बांट दिए गए हैं, जबकि कुछ में बच्चों को यह भी नहीं मिला है। बता दें कि प्रदेश में करीब एक लाख सरकारी प्राइमरी स्कूल हैं जिनमें लगभग एक करोड़ 75 लाख बच्चे पढ़ते हैं।

दरअसल, बच्चों को स्वेटर दिए जाने की प्रक्रिया इस सत्र से ही शुरू होनी है। इसका ऐलान तो पहले ही कर दिया गया था, लेकिन इस पर काम ठंड शुरू होने के बाद भी नहीं हुआ। यही नहीं इस पूरी योजना में कितनी लापरवाही बरती गई इसकी बानगी पेश करती पत्रिका डॉट कॉम की यह रिपोर्ट।

केस-1
समय- सुबह 10 बजे
स्थान- विजयनगर प्राइमरी स्कूल, गाजियाबाद
तारीख- 01 जनवरी 2018
तापमान-09 डिग्री सेल्सियस
सर्दी के इस मौसम में सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे ठिठुरते हुए पढ़ रहे हैं। कारण, यूपी सरकार ने बच्चों को इस सत्र से स्वेटर देने का ऐलान किया था, जिसे आधी सर्दी बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया जा सका है। बच्चे और उनके परिजन सरकार से स्वेटर मिलने की राह देखते हुए ठंड में पढ़ने और पढ़ाने को मजबूर हैं।

केस-2
समय- सुबह 10 बजे
स्थान- प्राइमरी स्कूल दांग, मुरादाबाद
तारीख- 01 जनवरी 2018
तापमान-08 डिग्री सेल्सियस

सरकारी प्राइमरी स्कूलों में बच्चों को अभी तक स्वेटर नहीं मिले हैं, जिसकी वजह से उन्हें इस कंपकपाती ठंड में स्कूल जाना पड़ रहा है। राज्य सरकार ने दिसंबर में ही स्वेटर देने का वादा किया था, लेकिन यह 2018 की जनवरी में कब पूरा होगा यह बताने को कोई जिम्मेदार अफसर तैयार नहीं है।


शुरुआत में यूपी सरकार ने प्रत्येक जिले को खुद ही स्वेटर खरीदने की जिम्मेदारी दी थी। इस पर अमल करते हुए स्कूलों ने अपने प्रपोजल जब शासन को भेजे तो उसमें दाम को लेकर काफी भिन्नताएं थी। सरकार एक स्वेटर पर 200 रुपए से ज्यादा खर्च करने को तैयार नहीं है। लेकिन, कई स्कूलों के प्रपोजल में यह दाम काफी ऊंचा था।


इसके बाद सरकार ने खुद ई-टेंडरिंग के जरिए स्कूलों में स्वेटर मुहैया कराने की प्रक्रिया शुरू की। इसके लिए 20 दिसंबर 2017 की डेडलाइन तय की गई। लेकिन, इस पर कोई काम नहीं हो सका। बाद में सरकार ने 25 दिसंबर 2017 की दूसरी डेडलाइन तय की। अफसोस कि इस बार भी सरकार ने गंभीरता नहीं दिखाई, जिससे स्वेटर की खरीदारी का काम अटक गया। जिसका खामियाजा मासूम बच्चे भुगत रहे हैं।

इस पूरे मामले में शिक्षा विभाग से जुड़ा कोई भी जिम्मेदार कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। स्कूलों के प्रिंसिपल का कहना है कि कि स्वेटर आएगा तो बटेगा। वहीं, गाजियाबाद के बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि इस बारे में वे कुछ भी नहीं बता सकते हैं। पूरी प्रक्रिया लखनऊ से हो रही है। हालांकि, वह यह उम्मीद जरूर जता रहे हैं कि जल्द से जल्द बच्चों को स्वेटर उपलब्ध करा दिया जाएगा।


बड़ी खबरें

View All

गाज़ियाबाद

उत्तर प्रदेश

ट्रेंडिंग