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जून की बारिश ने अब तक तोड़े पिछले रिकॉर्ड, बादलों ने पानी और पारा गिराया, जानें- मौसम विभाग का पूर्वानुमान एसपी ग्रामीण डॉ. ईरज राजा के अनुसार, उम्मेद पहलवान ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को बार-बार गुमराह करने का प्रयास किया। पहले उसने बताया था कि बुजुर्ग ने उसको जितना बताया, वही उसने फेसबुक लाइव में कहा। जब पुलिस ने उससे सख्ती से पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल लिया। उसने बताया कि बुजुर्ग के साथ मारपीट को राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए तूल देने का प्रयास किया गया था। उम्मेद ने बताया कि बुजुर्ग संग मारपीट 5 जून को हुई थी। अगले दिन एक पार्षद ने उन्हें बुलाया और पीड़ित बुजुर्ग की मदद के लिए कहा। उसी दौरान उसने फैसला किया कि वह घटना को सियासी रंग देकर सनसनीखेज बनाएगा, ताकि आगामी चुनाव में वह इसका लाभ उठा सके। इसलिए उसने बुजुर्ग को पहले ही समझा दिया था कि उसे आरोपियों के नाम का खुलासा नहीं करना है और बुजुर्ग के साथ लोनी बॉर्डर थाना पहुंच गया। जब उस दिन केस दर्ज नहीं हो सका तो उसने अगले दिन थाने के बाहर ही फेसबुक लाइव किया, जिसके बाद लोनी बॉर्डर पुलिस को मारपीट की धाराओं में एफआईआर दर्ज करनी पड़ी।
उम्मेद ने खुद कटवाई बुजुर्ग की दाढ़ी क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर संजय पांडेय का कहना है कि बुजुर्ग से 5 जून को मारपीट की गई थी, जिसमें उम्मेद पहलवान की कोई भूमिका नहीं है। उसे घटना की जानकारी अगले दिन 6 जून को हुई। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान उम्मेद ने कबूल किया है कि घटना को सांप्रदायिक रंग देने के लिए उसने खुद ही बुजुर्ग की दाढ़ी कटवाई थी। इसके बाद आरोपियों की जानकारी होने के बावजूद अज्ञात में केस दर्ज कराया। उम्मेद के इस कबूलनामे के बाद पुलिस ने आरोपी के विरूद्ध दर्ज केस में धोखाधड़ी और कूट रचना की धाराएं भी बढ़ाई हैं।
आत्मसमर्पण करने से पहले बड़ा खेल पुलिस की पूछताछ में यह भी पता चला है कि उम्मेद आत्मसमर्पण करने से पहले बड़ा खेल करना चाहता था। उसने बुजुर्ग और उसके बेटे को साथ लेकर नोटरी शपथपत्र बनवाने का प्रयास भी किया। शपथपत्र वह यह लिखवाना था कि फेसबुक लाइव के दौरान जो भी कहा गया है, उसमें उम्मेद की कोई भूमिका नहीं है। जैसे ही शपथपत्र बनता, उम्मेद सरेंडर कर देता। लेकिन, इससे पहले ही उम्मेद पुलिस के हत्थे चढ़ गया। एसपी देहात ने बताया कि उम्मेद खुद को बचाने के लिए बुजुर्ग को मीडिया की नजरों से बचा रहा था।
उम्मेद के खिलाफ दर्ज हैं कई केस बता दें कि उम्मेद पहलवान मूलरूप से हापुड़ जिले के पिलखुआ का रहने वाला है। उसके खिलाफ पिलखुआ थाने में 2006 में हत्या के प्रयास का सबसे पहला केस दर्ज हुआ था। इसके बाद उसके खिलाफ साहिबाबाद थाने में युवती से छेड़छाड़ का केस दर्ज किया गया। 2018 में उम्मेद के खिलाफ लोनी बॉर्डर थाने में ही गोवध अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया। अब 2021 में उम्मेद के खिलाफ सांप्रदायिक हिंसा भड़काने का प्रयास, सामाजिक विद्वेश फैलाने की कोशिश, धोखाधड़ी और कूटरचना का केस दर्ज हुआ है। इसके साथ ही उसके खिलाफ बुलंदशहर जिले के अनूपशहर थाने में महामारी एक्ट के उल्लंघन में सभा करने का भी केस दर्ज किया गया है।
प्रवेश ने बनाया वीडियो, लेकिन वायरल नहीं किया क्राइम ब्रांच प्रभारी इंस्पेक्टर संजय पांडेय ने बताया कि मारपीट का वीडियो खुद प्रवेश गुर्जर ने ही बनाया था, लेकिन उसने वीडियो वायरल नहीं किया था। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि गिरफ्तार होने से पहले उसने मारपीट का वीडियो किसी और को दिया था। इस वीडियो को 13 जून को वायरल किया गया था। एसपी देहात डॉ. ईरज राजा ने बताया कि आरोपी उम्मेद की फरारी में सहयोग करने वाले लोग पुलिस की रडार पर हैं, जिनमें एक पार्षद भी शामिल है। उन्हें भी जल्द पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा।