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गाजियाबाद के प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए गए थे। भगवान भोलेनाथ की पूजा अर्चना केवल मंदिर में मौजूद पंडितों और साधुओं के द्वारा की जा रही थी। आम लोग का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया था, लेकिन अब जैसे ही कोरोना की गति धीमी हुई है तो मंदिर के कपाट खोले जाने का फैसला ले लिया गया है। बताते चलें कि गाजियाबाद स्थित प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर की स्थापना रावण के पिता विश्वेश्वर ने की थी और अपने पिता के साथ रावण भी यहीं पर भगवान भोलेनाथ की आराधना करता था। यह भी बताया जाता है कि रावण ने अपना पहला शीश भगवान भोलेनाथ को यहीं पर अर्पित किया था और तभी से इस मंदिर की बहुत मान्यता है। इसी वजह से यहां रोजाना सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। खासतौर से शिवरात्रि पर लाखों की संख्या में भोले के भक्त हरिद्वार और गंगोत्री से जल लाकर यहां जलाभिषेक करते हैं।
मंदिर समिति ने लिया निर्णय महंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि प्रसिद्ध भगवान दूधेश्वर नाथ मठ मंदिर के कपाट लॉकडाउन के दौरान बंद चल रहे हैं। लेकिन, अब गाजियाबाद में कोरोना की गति धीमी हो गई है। इसलिए मंदिर समिति ने यह निर्णय लिया है कि 8 जून से मंदिर के कपाट खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि महामारी को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि मंदिर के अंदर वही भक्त प्रवेश कर सकेंगे, जिनके पास कोविड-19 परीक्षण की निगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीनेशन का सर्टिफिकेट होगा।
सैनिटाइजर मशीन से होकर श्रद्धालु मंदिर में करेंगे प्रवेश उन्होंने बताया कि यहां सरकार के द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का पूरा पालन किया जाएगा। मंदिर में भी सैनिटाइजर मशीन का प्रबंध किया गया है। उसी मशीन से होकर श्रद्धालु अंदर जाएंगे। उन्होंने बताया कि पहले भी लॉकडाउन के दौरान मंदिर के कपाट बंद किए गए थे और सभी गाइडलाइन का पालन किया गया था। इस बार भी सभी गाइडलाइन का पालन करते हुए मंदिर के कपाट खोले जा रहे हैं।