जनपद की कोतवाली राठ कस्बे में लगातार दुकाने चोरी छुपे खोली जा रही है। सोशल डिस्टेंस का पालन न करके बेपरवाह अपनी जिंदगी के साथ दूसरों की जिंदगी को संकट में डाल रहे हैं और कोतवाली पुलिस के आते ही पूरे बाजार में अफरा-तफरी मच जाती है और दुकानदार अपनी अपनी शटर बंद करके बाहर घूमने लगते हैं लेकिन हद तो तब हो गई जब पुलिस के जाने के बाद दुकानदार ग्राहकों को शटर के अंदर करके शटर बंद करते हुए नजर आ रहे थे। अब देखने वाली बात यह है कि दुकानदारों को सिर्फ पैसे से मतलब है, जबकि एक तरफ लॉकडाउन की धज्जियां उड़ाते हैं, तो वहीं ग्राहकों की भारी संख्या के साथ बिना सैनिटाइजर कराए एवं बिना मास्क, बिना सोशल डिस्टेंस का पालन किए दुकानदार दुकान के अंदर करके अच्छी खासी इनकम कमाने में लगे हुए हैं।
सूत्रों की मानें तो कई वस्तुएं दुगनी रेट पर भी बेची जा रही है। लेकिन वहीं कई ऐसी भी दुकानें खुली रहती हैं जिनको पूर्णतया बंद रखने का भी निर्देश हैं। निश्चित रूप से बाजारों में लॉकडाउन कर सही से अनुपालन नहीं हो पा रहा हैं। इससे कहा जा सकता है कि इतने घातक वायरस के होते हुए भी न तो दुकानदारों को और न ही ग्राहकों को कोरोना का भय है। इस तरह से कस्बे में लॉकडाउन का पालन नहीं किया जा रहा है।
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पुलिस आने पर दुकान बंद करके बाहर बैठ जाते हैं दुकानदार
जिले के राठ कस्बे में कुछ होटल खोलकर खुले वातावरण के बीच समोसे मिठाईया जलेबी आदि बेच रहे, लेकिन पुलिस आने पर दुकान बंद करके बाहर बैठ जाते हैं। लेकिन स्थानीय प्रशासन की सख्ती न होने के कारण कस्बे में लॉकडाउन प्रभावी रूप से लागू नहीं हो पा रहा है। इसलिए दुकानदार दिन भर अपनी दुकानों के बाहर बैठे रहते हैं। और ग्राहक के आते उन्हें अंदर बैठा कर शटर नीचे गिराकर खरीदारी करवाकर शटर खोलकर निकाल देते हैं। लेकिन पुलिसकर्मी औपचारिकता पूरी करने के लिए हॉर्न बजाते हुए चेतावनी देते हुए निकल जाते हैं।