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गोंडा

घाघरा के घटते जलस्तर ने मचाया जमकर उत्पात 

ग्राम परसावल एवं बेहटा तथा पारा गांव के सामने नदी खेतों में तेजी से कटान कर रही है। दूसरी ओर घाघरा की धारा भी करनैलगंज के ग्राम घरकुंइया की ओर रुख कर चुकी है। जिससे आने वाले समय में पानी बढऩे पर भारी तबाही की आंशका जताई जा रही हैं।

गोंडाJul 17, 2017 / 06:52 pm

Ashish Pandey

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गोंडा. घाघरा के घटते जलस्तर ने जमकर उत्पात मचाया। बांध को बचाने के लिए डाली गई जिओ ट्यूब धारा में समा गई। वहीं बांध के करीब 150 मीटर हिस्से में तेजी से कटान करती रही। ग्राम परसावल एवं बेहटा तथा पारा गांव के सामने नदी खेतों में तेजी से कटान कर रही है। दूसरी ओर घाघरा की धारा भी करनैलगंज के ग्राम घरकुंइया की ओर रुख कर चुकी है। जिससे आने वाले समय में पानी बढऩे पर भारी तबाही की आंशका जताई जा रही हैं।

जिओ टय़ूब दो लेन बालू समेत नदी में समा गई 
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शाम तक 2 नये मजरे बाढ़ के पानी से घिर गये, जिससे बाढ़ से प्रभावित एवं पानी से घिरे मजरों की संख्या 122 के आसपास हो चुकी हैं। बाढ़ से प्रभावित नकहरा और काशीपुर के मजरों में पानी तेजी से घट रहा है। फिर भी रास्ते अवरुद्ध हैं। तो अन्य प्रभावित मजरों एवं गांवों में पानी की स्थिति जस की तस बनी हुई है। शनिवार की शाम से घाघरा के घटते जलस्तर ने बांध को काटने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। एल्गिन-चरसंडी बांध के कटे हुए हिस्से कट-टू को बचाने के लिए लगाई गई जिओ टय़ूब दो लेन बालू समेत नदी में समा गई तथा करीब 150 मीटर बांध के हिस्से को तेजी से कटान करने लगी। उसी के बगल में रिंग बांध के कट-थ्री का करीब 100 मीटर हिस्सा नदी में समा गया। 

खतरे के निशान 106.07 के बजाय 105.806 पर बह रही थी
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पानी के बहाव का रुख भी अब ग्राम प्रतापपुर एंव घरकुंइयंा की ओर हो गया है। जिससे बाढ़़ का पानी बढऩे पर घाघरा तबाही मचा सकती है। शनिवार से रविवार के बीच बाढ़ के पानी का फैलाव हुआ मगर उससे किसी मजरों के प्रभावित होने की खबर नहीं है। बल्कि दो नये मजरे लोनियन पुरवा, अहिरन पुरवा के बाढ के पानी से घिर गये। रविवार को घाघरा का जलस्तर खतरे के निशान से काफी नीचे आ गया। खतरे के निशान 106.07 के बजाय 105.806 पर बह रही थी। 

महज मजाक बनकर रह गए हैं
बाढ़ चैकियंा एंव राहत केंद्र महज मजाक बनकर रह गये हैं। बाढ़ चैकियों पर शाम ढलते ही सन्नाटा हो जाता है तो सुबह नौ बजे तक कोई कर्मचारी नहीं पहुंचता है। रविवार की सुबह करीब आठ बजे बाढ़ राहत केंद्र पाल्हापुर पीएसी के जवानों के हवाले रहा। स्वास्थ विभाग के शिविर में एक वार्ड व्वाय सुरेश मौजूद रहे। वहीं पशु स्वास्थ शिविर पर कोई भी कर्मी मौजूद नहीं रहा। आसपास मौजूद लोगों ने बताया कि बाढ़़ राहत केद्रं खोलकर पीएसी के जवानों को ठहराया गया है। शाम ढलने के बाद महज पीएसी के जवान जो केंद्र पर डेरा जमाए रहते हैं उनके अलावा बाढ़ केंद्र पर कोई भी कर्मी नहीं रुकता है। इसके अलावा ग्राम गौरासिंहपुर में बाढ़ राहत केंद्र पर करीब 10 बजे कर्मचारियों ने अपनी उपस्थिति दिखाई।
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