script20 अक्टूबर से 40 सहकारी समितियों के जरिए बंटना था डीएपी लेकिन खाद पहुंचा ही नहीं | DAP was to be distributed through 40 cooperative societies from Octobe | Patrika News
गुना

20 अक्टूबर से 40 सहकारी समितियों के जरिए बंटना था डीएपी लेकिन खाद पहुंचा ही नहीं

जिन गोदाम और वेयर हाउस पर खाद उपलब्ध वहां लेने किसानों का उमड़ा जनसैलाबसमय पर खाद प्राप्त करने की ऐसी मारामारी कि पुुरुषों के अलावा महिलाएं भी लाइन में

गुनाOct 20, 2021 / 08:57 pm

Narendra Kushwah

20 अक्टूबर से 40 सहकारी समितियों के जरिए बंटना था डीएपी लेकिन खाद पहुंचा ही नहीं

20 अक्टूबर से 40 सहकारी समितियों के जरिए बंटना था डीएपी लेकिन खाद पहुंचा ही नहीं

गुना. अन्नदाता की परेशानियां हैं कि खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। किसान अभी खरीफ फसल में हुए नुकसान को झेल ही रहा था कि अब रबी फसल की बोवनी से पहले ही खाद का बड़ा संकट खड़ा हो गया है। शासन-प्रशासन लगातार पर्याप्त खाद की उपलब्धता बताकर कोई भी समस्या न होने का दावा कर रहा है। वहीं किसान को कहीं भी आसानी से खाद नहीं मिल पा रही है।
यहां बता दें कि दो दिन पहले ही कलेक्टर ने 20 अक्टूबर से जिले के 47 केंद्रों के माध्यम से डीएपी व अन्य खाद वितरण करने की बात कही थी। जिसके बाद किसान दो दिन के इंतजार के बाद बुधवार को जब अपने क्षेत्र की सहकारी समितियों पर पहुंचा तो वहां निराशा ही हाथ लगी। सोसायटी पर तैनात जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारियों का कहना था कि उनके पास खाद आई ही नहीं है तो वे कहां से बांटे। वहीं प्रशासन ने 40 सहकारी समितियों के अलावा राज्य विपणन संघ के 7 विक्रय केंद्रों से खाद मिलने की बात कही थी। इनमें से भी कुछ गोदाम पर 20 अक्टूबर को वितरण नहीं हुआ। जिसके कारण अन्य वेयर हाउस पर किसानों की इतनी ज्यादा भीड़ हो गई कि अन्य किसानों को खाद लेना बहुत ज्यादा मुश्किल हो गया।
जानकारी के मुताबिक प्रशानिक दावों की जमीनी हकीकत जानने के लिए पत्रिका की शहर व अंचल की टीम ने अपने-अपने क्षेत्र के वितरण केंद्रों पर जाकर सच्चाई जानी। इस दौरान सामने आया कि कुछ सहकारी समिति केंद्र खुले तो मिले लेकिन वहां तैनात कर्मचारियों ने बताया कि उनके पास खाद नहीं आया है। जबकि कुछ केंद्र बंद मिले। जिनके बारे में पता चला कि खाद उपलब्ध न होने की वजह से केंद्र नहीं खोले गए।

कहां क्या मिले हालात
नानाखेड़ी कृषि उपज मंडी परिसर में स्थित वितरण केंद्र पर हालात बहुत ज्यादा गंभीर थे। वितरण कक्ष के दोनों ओर की खिड़कियों पर दो-दो लाइन लगी थी। एक महिला और दूसरी पुरुष की थी। किसानों को आधार कार्ड और जमीन की किताब के हिसाब से खाद वितरण किया जा रहा था। किसानों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि अन्य किसान लंबी लाइन देखकर वहां खड़े होने की हिम्मत भी नहीं जुटा पा रहे थे।
इसी तरह आरोन की पुरानी गल्ला मंडी वितरण केंद्र पर किसानों की बहुत ज्यादा तादाद थी। बमोरी के बघेरी वेयर हाउस पर किसान खाद के लिए कड़ी मशक्कत करते नजर आए।

कहां कितने बनाए हैं वितरण केंद्र
गुना : 11
म्याना : 06
राघौगढ़ : 03
बमोरी : 05
आरोन : 04
चांचौड़ा : 06
कुंभराज : 05
वेयर हाउस : 07

किसके पास कितनी डीएपी खाद
थोक विक्रेताओं के पास 1954 मीट्रिक टन
फुटकर विक्रेताओं के पास 530 मीट्रिक टन

कहां से कितनी आनी थी
शिवपुरी रैक से 300 मीट्रिक टन
पचोर रैक से 200 मीट्रिक टन
अशोकनगर रैक से 800 मीट्रिक टन
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