पत्रिका पड़ताल : नया काऊ केचर भी नहीं रोक पाएगा जिला अस्पताल में घुसने वाले जानवर
पुराने को हटाकर नए निर्माण पर हजारों रुपए खर्चऔषधि वितरण केंद्र की व्यवस्था बदलने काट दिए हरे भरे पेड़, चबूतरे की टाइल्स भी उखाड़ी
पत्रिका पड़ताल : नया काऊ केचर भी नहीं रोक पाएगा जिला अस्पताल में घुसने वाले जानवर,पत्रिका पड़ताल : नया काऊ केचर भी नहीं रोक पाएगा जिला अस्पताल में घुसने वाले जानवर
गुना. जनता की मेहनत की कमाई से टैक्स के रूप में वसूली गई राशि का किस तरह से दुरुपयोग किया जा रहा है, इसके एक नहीं बल्कि कई उदाहरण जिला मुख्यालय पर मौजूद हैं। अभी विधायक निधि के दुुरुपयोग का मामला लोग भूले भी नहीं थे कि एक और नया मामला जिला अस्पताल में सामने आ गया। यहां अस्पताल प्रबंधन आवारा जानवरों के प्रवेश को रोकने के नाम पर काऊ कैचर निर्माण पर बजट का दुरुपयोग कर रहा है। क्योंकि इस नई व्यवस्था की पोल निर्माण के पहले दिन ही खुल चुकी है। जिसमें सामने आ चुका है कि यह काऊ कैचर भी अस्पताल में आवारा जानवरों का प्रवेश नहीं रोक पाएगा। वहीं इसके उलट यह काऊ कैचर अस्पताल प्रबंधन के लिए मुसीबत का सबब बनने वाला है। तकनीकी जानकारों का कहना है कि इस नए काऊ कैचर में ऐसा कुछ भी बदलाव नहीं किया गया है जिससे जानवर नहीं आ पाएं। न तो पाइपों के बीच इतनी दूरी रखी गई है कि जानवरों का पैर न रखा हो पाए और न ही ऐसी कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है, जिससे आवारा जानवरों को अन्य रास्तों से आने से रोक जा सके।
जानकारी के मुताबिक सरकारी जिला अस्पताल में आवारा जानवरों के प्रवेश की समस्या तब से ही है जब से यहां अस्पताल बना है। क्योंकि प्रबंधन ने प्रारंभ से ही इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। यही वजह है कि अस्पताल के मेन गेट से लेकर अन्य जो रास्ते हैं, वहां भी इन्हें रोकने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए। मेन गेट पर जो काऊ कैचर बनाया गया था वह शुरूआत से ही शोपीस बना रहा। अब एक बार फिर पुराने को निकालकर नया काऊ कैचर लगाया गया है। जिसमें ऐसा कुछ भी नया अपडेशन नहीं है जिससे जानवरों का प्रवेश रुक सके। इसके निर्माण को लेकर वर्तमान में मेन गेट से प्रवेश बंद किया गया है। जो आगामी दो तीन दिन और रहेगा।
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व्यवस्था बनाने के नाम पर काट दिए हरे पेड़
शासकीय दस्तावेजों में 400 बिस्तरीय अस्पताल का दर्जा प्राप्त जिला चिकित्सालय लंबे समय से जगह की कमी से जूझ रहा है। ऐसा कोई वार्ड नहीं है जहां मरीजों को भर्ती करने पर्याप्त जगह उपलब्ध हो। इसी तरह की समस्या से औषधि वितरण केंद्र भी जूझ रहा था। जिसके कारण मरीजों को भी दवा लेने काफी ज्यादा परेशानी आती थी। इस समस्या को दूर करने सरकार ने तो नया मेडिकल स्टोर भवन बनाने की मंजूरी दी थी। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते ऐसा नहीं हो सका। वर्तमान में अस्पताल प्रबंधन ने इस समस्या को दूर करने वैकल्पिक रास्ता अपनाया है। जिसके तहत औषधि वितरण केंद्र की खिड़कियोंं को बाहर की ओर खोला जा रहा है। जहां से दवा का वितरण किया जाएगा। इसके लिए बाहर की तरफ टीनशेड लगाया गया है। लेकिन इस काम के दौरान यहां लगे चार हरे भरे पेड़ काट दिए गए। जो काटना आवश्यक नहीं थे। उन्हें टीनशेड में जगह बनाकर बचाया जा सकता था। वहीं यहां बने चबूतरे की टाइल्स भी उखाड़ दी गई। अब नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है। अब आगे का समय ही बताएगा कि यह व्यवस्था कितनी कारगर साबित होगी।
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तीन पहले से चौथा भी यात्री प्रतीक्षालय रखा हो गया
गुना के विधायक द्वारा यात्री प्रतीक्षालय रखवाने का क्रम लगातार जारी है। पूरे शहर में जगह-जगह यात्री प्रतीक्षालय रखवाने के बाद जब उन्हें कहीं जगह नहीं मिली तो उन्होंने जिला अस्पताल को ही बस स्टॉप बना दिया। यहां रातों रात एक के बाद एक तीन यात्री प्रतीक्षालय 100 से 200 मीटर की दूरी पर रखवा दिए। इसके बाद भी मन नहीं भरा तो चौथा यात्री प्रतीक्षालय अस्पताल परिसर में ही चिकित्सकों के सरकारी आवास के ठीक सामने रखवा दिया। जहां इनका उपयोग अब मरीज करने लगे हेैं। वहीं अन्य क्षेत्रों में रखवाए गए प्रतीक्षालय सर्दी के मौसम में गुनगुनी धूप लेने के काम आ रहे हंै।
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