
PUBG गेम
मोहाली। पंजाब में साहिबजादा अजीत सिंह नगर (Sahibzada Ajit Singh Nagar) है। चौंक गए न। सरकारी नाम तो यही है लेकिन लोकप्रिय नाम है मोहाली (Mohali)। चंडीगढ़ (Chandigarh) से सटा हुआ है। इस कारण मोहाली की अलग ही शान है। मोहाली के कस्बा खरार ( Kharar) में अजीब घटना हुई है। यहां एक नाबालिग ने पब्जी गेम ( PlayerUnknown’s Battlegrounds PUBG Game) के चक्कर में 16 लाख रुपये खर्च कर डाले। जब पिता को पता चला तो क्रोध सातवें आसमान पर पहुंच गया। फिर उन्होंने नाबालिग बेटे को सबक सिखाया।
दिन रात गेम खेलता रहा
खरार कस्बे में गुरबचन सिंह (बदला हुआ नाम) सरकारी सेवा में हैं। उन्होंने अपनी मेडिकल सेविंग्स तीन बैंक खातों में जमा कर रखी है। इनके बारे में पूरी जनकारी नाबालिग बेटे को थी। उसे पब्जी गेम खेलने का शौक चर्राया। वह दिन रात पब्जी गमे खेलता रहा। अपने पिता के खाते से रुपये गेम पर लगाता रहा। पब्जी मोबाइल अकाउंट को अपग्रेड करने के लिए पैसे लगाने होते हैं। अपने साथ-साथ वह दोस्तों के लिए फी ऐप खरीदता और अपडेट करता रहा।
बेटो को सिखाया सबक
बैंक से लेन-देने पर सूचना लड़के की मां के मोबाइल पर आती थी। वह इसी मोबाइल का उपयोग करता और बैंक से आए संदेश को डिलिट कर देता। एक दिन उसके पिता को इस बारे में जानकारी मिली। यह देख उनके पैरों तले जमीन खिसक गई कि खाते से 16 लाख रुपये का लेन-देने हुआ है। उन्होंने बैंक जाकर पता किया। बैंक से बताया गया कि प्रत्येक लेने देने का एसएमएस मोबाइल नम्बर भेजा गया है। इसके बाद यह भेद खुला कि बेटे ने पब्जी गेम पर जिन्दगी भर की रकम उड़ा दी है। उन्होंने बेटे को बाइक रिपेयरिंग के काम में लगा दिया है। साथ ही मोबाइल छीन लिया है।
ऑनलाइन पढ़ाई के लिए भी मोबाइल नहीं मिलेगा
माता-पिता को यह तो पता था कि बेटा मोबाइल का प्रयोग बहुत करता है। उन्हें लग रहा था कि ऑनलाइन एजुकेशन ले रहा है, इस कारण मोबाइल का प्रयोग कर रहा है। उन्हें क्या पता था कि बेटा कुछ और ही काम कर रहा है। बेटे की हरकत से पिता बहुत दुखी है। उन्होंने तय किया है कि पढ़ाई के लिए भी मोबाइल नहीं दिया जाएगा। बेटा को काम करना होगा।
Published on:
04 Jul 2020 05:00 pm
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