रोटी के लिए खास तौर पर मक्के का आटा बुलाया गया है. इसे अमृतसर से लाया गया है। सातों लंगर में स्वप्रेरणा से लोग भोजन बनाने के काम में जुटे हुए हैं. यहां ८०० से ज्यादा लोग भोजन बना रहे हैं. यह काम लगातार चल रहा है. कार्यक्रम में सेवादार २४ घंटे काम ०३ शिफ्ट में काम कर रहे हैं. भोजन बनाने के काम में मुख्यत: महिलाएं लगी हुई हैं जोकि ५० -५० के समूह में काम कर रहीं हैं.
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यह शरदाई है खास
गुरुद्वारे के बाहर निहंग सेना का लंगर है। प्रवेश द्वार पर शरदाई (पेय) की व्यवस्था है। यह आम शरदाई नहीं है बल्कि इसे खास तरीके से बनाया जा रहा है. इस शरदाई को सूखे मेवों से तैयार किया जाता है. सेवादारों के अनुसार शरदाई को काजू, बादाम, काली मिर्च, अखरोट की गिरी के साथ पानी में गलाने के बाद घोंटकर मलमल के कपड़े से छानकर तैयार किया जाता है।