कौन हैं शहीद हरि सिंह
ग्वालियर के एमएलबी कॉलेज में स्थापित शहीद हरि सिंह और शहीद दर्शन सिंह का इतिहास काफी पुराना है। दरअसल ९ अगस्त 1950 को छात्रों ने मोती महल स्थित विधानसभा भवन का घेरा डाल दिया। इसी दौरान पुलिस ने छात्रों का बर्बरता पूर्वक दमन किया। उसी दौरान शहर कोतवाल गंगा सेवक त्रिवेदी ने फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें आंदोलनकारी छात्र हरि सिंह और दर्शन सिंह शहीद हो गए। इस घटना के कारण उस समय के तात्कालीन मुख्यमंत्री गोपी कृष्ण विजयवर्गीय को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।
एमएलबी कॉलेज प्राचार्य ने शहीद हरि सिंह की प्रतिमा तोड़े जाने के मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय कमेटी बनाई है। जिसमें डॉ.विष्णुकांत शर्मा, डॉ.आरसी गुप्ता, डॉ.अयूब खान और डॉ.विनोद कांकर को शामिल किया गया है। यह कमेटी तीन दिन के अंदर अपनी जांच रिपोर्ट देगी। सूत्रों की मानें तो यह काम उन नशेडिय़ों का हो सकता है, जो रात में यहां शराब पीने आते हैं।
“जैसे ही शहीद हरिसिंह की प्रतिमा तोडऩे की जानकारी मिली, तुरंत पुलिस को सूचित कर जांच कमेटी बनाई गई है। इसके बाद हमने मूर्ति बनाने के लिए मूर्तिकारों को ऑर्डर दे दिया है। २६ जनवरी से पहले प्रतिमा लगा दी जाएगी। आगे ऐसी घटना न हो, इसलिए सिक्योरिटी टाइट करेंगे।”
डॉ. किशोर सिंह राठौर, प्राचार्य, एमएलबी कॉलेज