
स्टॉप पर बस बॉक्स बने, बस रुकतीं नहीं, खानापूर्ति साबित हो रही योजना
ग्वालियर.शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर धुआं छोड़ते टेंपो ही दिखाई देते हैं, जबकि स्मार्ट सिटी बस के नाम पर सिर्फ 2 बसें संचालित हो रही हैं। करीब 5 साल पहले सिटी बस चलाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन अभी तक यह सही ढंग से लागू नहीं हो सकी है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में नए बस स्टॉप बनाए गए हैं। यहां तक कि स्टॉप के सामने पेंट कर बस बॉक्स भी बना दिए गए हैं, लेकिन यहां बसें नहीं रुकती हैं। ऐसे में यह सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रहे हैं।
शहर में 5 साल पहले सिटी बस की शुरुआत की गई थी। उस समय 3 सिटी बस चलाई गईं, लेकिन यह सक्सेस नहीं हुईं। बसों की लंबाई अधिक होने के कारण यह प्रमुख चौराहों पर मुड़ नहीं पाती थीं, जिससे जाम के हालात बनते थे, जिसके कारण इन्हें शहर के बाहरी क्षेत्रों में चलाया गया और बाद में यह कंडम होकर बंद हो गईं। फिर से सिटी बस चलाने की योजना स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई गई है, इसके तहत काफी इंतजार के बाद 2 बसों की शुरुआत की गई। बसें संचालित होने से पहले ही शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्टॉप बनाकर तैयार कर दिए गए, जो बसें फिलहाल चल रही हैं, वह स्टॉप पर रुकती ही नहीं हैं।
मनमानी से रास्ते मेें रोकते हैं सवारी वाहन
वाहन चालक सवारी देखी, वहीं रुक जाते हैं, जबकि इन बसों को संचालित करने का उद्देश्य एक तो प्रदूषण से शहर को मुक्ति दिलाना है, दूसरा लोगों में स्टॉप पर पहुंचकर बस पकडऩे की आदत विकसित करना है, लेकिन यह दोनों ही उद्देश्य पूरे होते नहीं दिख रहे हैं। स्मार्ट सिटी बस बहुत कम हैं, जिसके कारण इनका उपयोग ही नहीं हो रहा है।
पुराने की जगह बनाए नए
शहर में पहले भी बस स्टॉप बनाए गए थे, लेकिन इनका उपयोग नहीं हुआ। इसके बाद जब स्मार्ट सिटी के तहत बस सेवा शुरू की गई तो उसके तहत फिर से नए बस स्टॉप बनाए गए। ऐसे में कई जगहों पर जहां पुराना बस स्टॉप था, उसके बगल से ही नया स्टॉप बना दिया गया। इसके साथ ही जिन रूटों पर बस ही नहीं चल रही हैं, वहां भी स्टॉप बना दिए गए हैं। वर्तमान में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्टॉप के सामने पेंट कर बस बॉक्स बना दिए गए हैं। यह बॉक्स बसों के रुकने के लिए हैं, लेकिन यह महज शोपीस साबित हो रहे हैं।
Published on:
05 Jan 2019 05:00 am
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