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250 साल पुराने इस भव्य किले में आज भी नजर आते हैं हिन्दू-मुस्लिम एकता के रंग

यहा हमेशा ही हिन्दू-मुस्लिम प्रत्येक त्योहार को एक साथ मनाते है।

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hindu muslim unity

250 साल पुराने इस भव्य किले में आज भी नजर आते हैं हिन्दू-मुस्लिम एकता के रंग

ग्वालियर। एक ऐसा कस्बा जहां हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल हमेशा देखने को मिलती है। चाहे वह हिन्दूओं के त्योहार नवरात्र, दीपावली हो या मुस्लिम के त्योहार रोजा हो। यहा हमेशा ही हिन्दू-मुस्लिम प्रत्येक त्योहार को एक साथ मनाते है। डबरा के पास बना प्राचीन ऐतिहासिक किला पिछोर की पहचान है, किले में दरगाह एवं मंदिर बना हुआ है।जिससे हिन्दू-मुस्लिम की मिसाल देखने को मिलती है। यही कारण है कि पिछोर में भाईचार आज भी बरकरार है। यहां पर प्रत्येक त्योहार हिन्दू-मुस्लिम एक साथ मनाते है।


वास्तु कला का अद्भुत नमूना होने के साथ यह किला दूर दूर से आने वाले पर्यटकों को भी खासा आकर्षित करता है। लेकिन देखरेख के अभाव में इस किले की शानोशौकत भी खत्म होती जा रही है। स्थानीय लोग और इतिहासकार बताते हैं कि इस यह किला लगभग 250 साल पहले 1790 ईस्वी में बनवाया गया था। चूना पत्थर से चूना पत्थर से निर्मित यह पिछोर गढ़ी राव हमीर देव की रियासत थी और उन्हीं के शासन काल में इस किले का निर्माण कराया गया था। आर्कियोलॉजिकल डिपार्टमेंट के अधिकारी बताते हैं कि किले का निर्माण चूना-पत्थर से कराया गया है, जिसमें दो बड़े प्रवेश द्वारा सहित किला निर्मित है। किले के ऊपर चढऩे के लिए तीन सराए यानी कि विश्रामग्रह भी बने हुए हैं।

हिन्दू-मुस्लिम एकता को स्थापित करता है किला
इस किले में कई ऐसी चीजें हैं, जिनकी वजह से हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही धर्मों के लोग यहां पर आते हैं और श्रद्धा के साथ इस जगह से खासा जुड़ाव रखते हैं। स्थानीय लोगों के मुताबिक किले में हिन्दू मुस्लिम एकता को दर्शाती कई स्मारक हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं।

- तीन सराए (विश्राम गृह)
- दो प्रवेश द्वार
- तीन बावड़ी जिनमें पानी भरा हुआ है
- तीन चौपड़े(रानी का स्नानघर)
- दो कुंडतीन तोपें
- दो दरगाह
- 5 मंदिर

वास्तु कला का अद्भुत नमुना
वास्तव में इस किले में वास्तु कला का अद्भुत नमुना देखने को मिलता है। नक्काशी किले की अलग पहचान दिलाता है। किले में कुआं और बावड़ी जिसकों वर्तमान में देखा जा सकता है। रंग महल बना हुए है, जहां राजा द्वारा रंगमंच का आयोजन करते थे। साथ ही चित्रकला की शैली इसके विकास को रेखाकिंत करने वाले सामवेद प्रमाण ही बचे है।चित्रकला में घटनाएं एवं आपदाओं का चित्रण है जिसे देखा जा सकता है। नगर परिषद के पूर्व नपाध्यक्ष अलीशेर खान का कहना है कि किले में ऐतिहासिक धरोहरें है। साथ ही 12-12 फीट की 3 तोपें हैं। इसके अलावा वहां बनी दो दरगाह और बने पांच मंदिर तो हिन्दू मुस्लिम एकता की प्रतीक हैं ही।