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शिवलिंग को नुकसान पहुंचाने आए सैनिकों का नागों ने रोक लिया रास्ता

locationग्वालियरPublished: Aug 01, 2021 08:40:35 am

Submitted by:

deepak deewan

इस शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने के लिए सैनिक भेजे गए पर इसकी रक्षा के लिए कई नाग वहां आ गए. उन्होंने सैनिकों का रास्ता रोक लिया.

Koteshwar Mahadev Mandir Gwalior Koteshwar Mahadev Temple Gwalior

Koteshwar Mahadev Mandir Gwalior Koteshwar Mahadev Temple Gwalior

ग्वालियर. ग्वालियर का प्राचीन कोटेश्वर महादेव मंदिर किला पहाड़ी की तलहटी पर स्थित है। किवदंति है कि यहां का शिवलिंग पहले किला पहाड़ी पर था पर लेकिन जब औरंगजेब ने इस दुर्ग पर विजय हासिल की थी तो उसके सैनिकों ने वहां स्थापित देव प्रतिमाओं को तोड़ना करना शुरू कर दिया। इस दौरान शिवलिंग को पहाड़ से नीचे फेंक दिया गया। कोटेश्वर महादेव के इस शिवलिंग को क्षतिग्रस्त करने के लिए सैनिक भेजे गए पर इसकी रक्षा के लिए कई नाग वहां आ गए. उन्होंने सैनिकों का रास्ता रोक लिया.

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कई सालों तक यह शिवलिंग तलहटी में रहा। मंदिर से संबंधित लोगों का कहना है कि संत देव महाराज को इस शिवलिंग के दर्शन हुए। महंत देव महाराज के अनुरोध पर इस शिवलिंग को विधिविधान से स्थापित किया गया। बाद में सन 1937.38 में महाराजा जीवाजी राव सिंधिया ने मंदिर को भव्यता प्रदान की। कहते हैं कि आज भी नाग इस मंदिर की रक्षा करते हैं।

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प्रकृति की गोद में है दर्शनीय स्थल
पहाड़ की तलहटी में स्थित यह मंदिर सुरम्य वातावरण के कारण और भी दर्शनीय हो जाता है। नैसर्गिक सुंदरता से भरपूर यह स्थल लोगों को सहज रूप से अपनी ओर आकर्षित करता है। मंदिर के पार खुली जमीन पर बावड़ी है। यहां से चारों ओर हरियाली नजर आती है।

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नंदी, गजानन और मां गंगा भी हैं विराजित
कोटेश्वर महादेव मंदिर में नंदी, गजानन और मां गंगा की भी मूर्तियां हैं। इस मंदिर में हर सोमवार को शिवभक्त उमड़ते हैं। सावन के महीने में तो यहां रोजाना बडी संख्या में भक्त आते हैं।

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