ग्वालियर पुलिस ने गुरुवार की रात को हिन्दू महासभा के पदाधिकारी और गोडसे की पूजा करने व गांधी जी के पर्चे बांटने वाले नरेश बाथम और पवन माहौर को गिरफ्तार कर लिया गया। दोनों आरोपी हिन्दू महासभा के पदाधिकारी हैं और कार्यालय में गोडसे की फांसी वाले दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया था।
इनके खिलाफ कांग्रेस के प्रदेश सचिव की शिकायत पर कोतवाली पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था। इसके बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी इस मामले पर कार्रवाई करने की बात कही थी। जिसके बाद से ही पुलिस इन आरोपियों की तलाश कर रही थी।
नाथूराम गोडसे को लेकर भी भोपाल की सांसद और भाजपा की नेता साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने भी दो दिन पहले महात्मा गांधी जी ही हत्यारे गोडसे की महिमा का गुणगान किया था। जिसके बाद देश में हड़कंप की स्थिति मच गई और कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों ने प्रज्ञा को पार्टी से बाहर करने की भी बात कही। हालांकि बाद में इस मामले में प्रज्ञा अब सफाई देती हुई नजर आ रही है।
17 नवंबर को शहर के दौलतगंज स्थित अपने कार्यालय में हिंदू महासभा ने नाथूराम गोडसे की फांसी के दिन को बलिदान दिवस के रूप में मनाया था। आपको बता दें कि आज ही के दिन 70 साल पहले गोडसे को महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या करने के जुर्म में फांसी दी गई थी। इस दौरान कार्यक्रम में नाथूराम गोडसे की तस्वीर लगाई गई और उसकी पूजा की गई थी। इसके साथ ही दीपक जलाकर गोडसे का गुणगान करने वाली आरती भी गाई गई थी। आयोजन के बाद हिंदू महासभा ने प्रशासन को मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा था। जिसमें महासभा ने मुख्यमंत्री से नाथूराम गोडसे के अंतिम बयान को स्कूल और कॉलेज के पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग की थी।
आपको बता दें कि नवंबर 2017 में हिन्दू महासभा ने नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने के लिए मूर्ति लगाने की कोशिश की थी। लेकिन पुलिस ने उसकी कोशिश को नाकाम कर दिया था और मूर्ति को अपने कब्ज़े में ले लिया था। महासभा ने उस मूर्ति को वापस देने की मांग भी उठाई थी,लेकिन शिकायत और विरोध के बाद शिवराज सरकार ने प्रतिमा जब्त कर ली थी।