छात्रा: मैम, हमारे एग्जाम चल रहे थे तो हम कल नहीं आ पाए थे, आज आए हैं।
कुलपति: पहले अपना नाम बताओ और कहां पढ़ रही हैं आप?
छात्रा: मैम, लॉ में पढ़ रही हूं।
कुलपति: लॉ में पढ़ रही हैं न आप, आज के बाद नेतागिरी मत करना, इनका नाम लिखकर रखो।
छात्रा: मैम, आप सुनो तो
कुलपति: आपने मैट्रन को इन्फॉर्म किया, आपने लिखित में शिकायत की थी क्या?
छात्रा: मैम, हमने बताया था, कल शिकायत भी की थी।
कुलपति: आप 24 घंटे भी नहीं रुक पाईं और सीधे यहां चली आईं।
छात्रा: मैम, यह 24 घंटे की बात नहीं है, पहले से परेशानी है।
कुलपति: आपने कुछ बच्चे बोला, हम उनसे बात कर लेंगे, आपने सबका ठेका नहीं ले रखा है, आप सिर्फ अपनी बात बोलो।
छात्रा: मैम, हमारे पास सिर्फ शनिवार का ही समय रहता है, इसलिए हम आपके पास आए थे, हमसे गलती हो गई।
कुलपति: तुम्हारे पास फ्री टाइम था, इसलिए तुम आ गईं, क्या तुम्हें पता नहीं है कि सेकंड सेटरडे को यूनिवर्सिटी बंद रहती है।
कुलसचिव: क्लास कब से कब तक होती है आपकी, हम तो सात बजे तक बैठते हैं।
कुलपति: आपको ऑफिस टाइम नहीं पता है, लेकिन आपको कुलपति का आवास पता है। आपको घर कैसे पता चल गया। अगर आपने रजिस्ट्रार से कम्युनिकेट नहीं किया है और उन्होंने आपकी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं की है तो वीसी तक अप्रोच करना गलत है। वीसी बात नहीं करेंगी, जब तक कुलसचिव आपकी प्रॉब्लम सॉल्व नहीं करेंगे।
मृगनयनी गल्र्स हॉस्टल में खाने में कीड़े मिलने का मामला सामने आने के बाद पत्रिका ने विश्वविद्यालय के सभी हॉस्टल में पड़ताल कर हकीकत जानी।
आर्यभट्ट: दबंग छात्रों का दबदबा-
लगभग 100 छात्रों की क्षमता वाले इस हॉस्टल में कुछ हद तक खाने की व्यवस्था ठीक है, लेकिन बेहतर खाना कुछ दबंग किस्म के छात्रों तक ही पहुंचता है। जो छात्र सामान्य या गरीब परिवारों से हैं, उन्हें जैसा मिले वैसा ही खाना पड़ता है। यहां निवासरत एक छात्र का दबदबा ऐसा है कि मैस संचालक उसे मनचाही जगह खाने की सुविधा देता है।
कैप्टन रूपसिंह: तीन जुलाई से नहीं बना खाना-
सामान्य दिनों में हॉस्टल में 30 छात्र रह सकते हैं, वर्तमान में यहां 10 छात्र हैं। तीन जुलाई से यहां खाना नहीं बनाया गया है। यहां निवासरत छात्रों पर मैस संचालक दबाव बना रहा है कि लगभग एक किलोमीटर दूर आर्यभट्ट हॉस्टल पहुंचकर खाओ। खाना बंद किए जाने से कुछ छात्रों को मजबूरन जाना पड़ रहा है या फिर अपने परिचित लोगों के यहां और होटल में खाना पड़ रहा है।
वीरांगना लक्ष्मीबाई गल्र्स: एक साल से शिकायत, पर कार्रवाई नहीं-
यहां लगभग 25 छात्राएं रह सकती हैं। यहां खाने को लेकर एक साल से शिकायत आ रही है। कुलपति के निरीक्षण में भी कमियां सामने आईं थीं, छात्राओं ने शिकायत की थी, लेकिन मैस संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस दौरान हॉस्टल में अनाधिकृत तरीके से लडक़ों के घुसने की शिकायत के बाद महिला गार्ड को धमकाने की बात सामने आई थी, इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कुलपति ने बताया कि छात्राओं को भोजन किस तरह देना है, इसके लिए कुलसचिव सोमवार सुबह 10 बजे सभी वार्डनों की बैठक लेकर तय करके जानकारी देंगे। सोमवार को टेंडर की अंतिम तारीख खत्म होने के बाद नए टेंडर की प्रक्रिया भी जल्द पूरी होगी।