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जिले के दो सरकारी व तीन प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना की सुविधा दी जा रही हैं। जिससे गरीब लोग भी अपना सकुशल इलाज करा रहे हैं। योजना के अंतगर्त लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इस योजना से लाभांवित लोग काफी खुश दिख रहे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि सरकार द्वारा दी गई ये बेहद अच्छी सुविधा हैं, अब गरीब लोग भी अपना बेहतर इलाज करवा सकते हैं। लाभार्थी जगदीश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने योजना के तहत अपनी आंखों का लेजर ऑपरेशन फ्री में कराया। एबीजी अस्पताल में पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कराने वाली कमलेश देवी का कहना है कि इस योजना से वह बहुत संतुष्ट है, उनका ऑपरेशन हुआ था, जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ा। वहीं, लाभार्थी सीमा देवी ने बताया कि उनका पथरी का ऑपरेशन हुआ था,योजना के तहत उन्हें मुफ्त में इलाज मुहैया हो गया।
जिले के दो सरकारी व तीन प्राइवेट अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना की सुविधा दी जा रही हैं। जिससे गरीब लोग भी अपना सकुशल इलाज करा रहे हैं। योजना के अंतगर्त लोग अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं। इस योजना से लाभांवित लोग काफी खुश दिख रहे हैं। लाभार्थियों का कहना है कि सरकार द्वारा दी गई ये बेहद अच्छी सुविधा हैं, अब गरीब लोग भी अपना बेहतर इलाज करवा सकते हैं। लाभार्थी जगदीश प्रसाद ने बताया कि उन्होंने योजना के तहत अपनी आंखों का लेजर ऑपरेशन फ्री में कराया। एबीजी अस्पताल में पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन कराने वाली कमलेश देवी का कहना है कि इस योजना से वह बहुत संतुष्ट है, उनका ऑपरेशन हुआ था, जिसके लिए उन्हें किसी भी प्रकार का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ा। वहीं, लाभार्थी सीमा देवी ने बताया कि उनका पथरी का ऑपरेशन हुआ था,योजना के तहत उन्हें मुफ्त में इलाज मुहैया हो गया।
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आयुष्मान योजना के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रभात ने बताया कि वास्तविक लाभार्थी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अब इसे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जा रहा है। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन व्यक्ति (मरीज) की तकनीक है। इस तकनीक में किसी व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिये उसके बायोलॉजिकल आंकडों जैसे अंगूठे और अंगुलियों के निशान, आँखों का रेटिना आदि का इस्तेमाल किया जाता है। जल्द ही हाथरस में भी ये शुरू हो जाएगा।
आयुष्मान योजना के डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ. प्रभात ने बताया कि वास्तविक लाभार्थी की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से अब इसे बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन से जोड़ा जा रहा है। इसके लिए बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन अनिवार्य किया जा रहा है। बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन व्यक्ति (मरीज) की तकनीक है। इस तकनीक में किसी व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करने के लिये उसके बायोलॉजिकल आंकडों जैसे अंगूठे और अंगुलियों के निशान, आँखों का रेटिना आदि का इस्तेमाल किया जाता है। जल्द ही हाथरस में भी ये शुरू हो जाएगा।
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मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि जिले में दो प्राइवेट व तीन सरकारी अस्पतालों में लोगों का योजना के तहत इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें अच्छे से अच्छा इलाज किया जा रहा है। अब तक करीब 450 रोगियों का इलाज हो चुका है और तक़रीबन 420 लोगों का भुगतान भी हो गया है।
मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ. बृजेश राठौर ने बताया कि जिले में दो प्राइवेट व तीन सरकारी अस्पतालों में लोगों का योजना के तहत इलाज किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसमें अच्छे से अच्छा इलाज किया जा रहा है। अब तक करीब 450 रोगियों का इलाज हो चुका है और तक़रीबन 420 लोगों का भुगतान भी हो गया है।