
ऐसे में ग्रंथियों में कीटाणु पनपकर इंफेक्शन पैदा करते हैं जो मुंहासों के रूप में चेहरे, छाती, पीठ, हाथ, स्कैल्प आदि की त्वचा पर उभरते हैं।
मुंहासों की समस्या सिर्फ लड़के- लड़कियों की नहीं बल्कि बच्चों व बड़ों में भी आम होती जा रही है। सामान्यत: त्वचा पर मौजूद ऑयल ग्रंथियां त्वचा को तैलीय बनाने में मददगार होती हैं जो त्वचा को सुरक्षित रखती हैं। लेकिन इन ग्रंथियों में जब तेल सामान्य से ज्यादा बनने लगता है तो त्वचा की बाहरी सतह ब्लॉक होने लगती है जिससे तेल अंदर ही रहता है और इसे बाहर निकलने में दिक्कत होती है। ऐसे में ग्रंथियों में कीटाणु पनपकर इंफेक्शन पैदा करते हैं जो मुंहासों के रूप में चेहरे, छाती, पीठ, हाथ, स्कैल्प आदि की त्वचा पर उभरते हैं। हर व्यक्ति में इसका कारण अलग हो सकता है।
मुंहासों की गंभीरता के अनुसार अवस्थाएं
हल्की - ऑयल अंदर पड़ा रहता है और त्वचा पर कुछ ब्लैकहेड्स के रूप में सामने आता है।
मध्यम ग्रंथियों में तेल संक्रमित हो जाता है जो मुंहासों का रूप लेकर त्वचा पर उभरता है।
तीव्र- ग्रंथि में पस पडऩे से चेहरे पर दाग-धब्बे पडऩे लगते हैं। जो आसानी से नहीं जाते हैं।
40 की उम्र में भी आजकल मुंहासों की समस्या होने लगी है। इनमें महिला-पुरुष दोनों शामिल हैं।
गंभीर स्थिति
ग्रंथियों में पस पडऩे पर एंटीबायोटिक्स या फिर मेडिकल फेसवॉश देते हैं। मुंहासों का इलाज फिलहाल उपलब्ध नहीं, सिर्फ इन्हें कम कर सकते हैं।
इलाज : युवा ज्यादातर बिना डॉक्टरी सलाह के कॉस्मेटिक प्रोडक्ट का इस्तेमाल करते हैं। जबकि इन्हें प्रयोग में लेते समय स्किन टाइप, मुंहासों की अवस्था व जीवनशैली को ध्यान में रखना होता है। यदि मुंहासे बार-बार उभरें तो विशेषज्ञ ऑयल बेस्ड क्रीम लगाने के लिए मना करते हैं। वहीं ऑयल ग्रंथियों में ब्लॉकेज होने पर क्रीम लगाने के लिए कहा जाता है।
लेटेस्ट ट्रीटमेंट
माइक्रो डर्मब्रेजन : इसमें एक मशीन की सहायता से माइक्रो क्रिस्टल्स को त्वचा पर हल्के दबाव से रगड़ा जाता है। इससे त्वचा के रोमछिद्र खुलते हैं और चमक बढ़ जाती है।
केमिकल पील्स : इसमें मौजूद ग्लाइकोलिक एसिड, लैक्टिक एसिड व सेलिसाइलिक एसिड तीन मुख्य रसायन का प्रयोग होता है। उपचार अनुभवी डर्मेटोलॉजिस्ट से ही कराएं। इसके बाद धूप के सीधे संपर्क में आने से बचें।
लेजर : मुंहासों की वजह से हुए दाग-धब्बों को हटाने में यह मददगार है। इनमें से केमिकल पील सस्ता और कम समय में होने वाला ट्रीटमेंट है।
नुस्खे : एंटीबैक्टीरियल और लैक्टिक एसिड से भरपूर दही को चेहरे पर लगाने से आराम मिलता है। केला,पपीते के अलावा दालचीनी व शहद को मिलाकर या अलग-अलग भी मुंहासे पर लगाने से त्वचा की मृत परत उतर जाती है। ऐसे में अंदर की नई त्वचा बाहर आती है जिससे ग्रंथियों का ब्लॉकेज दूर होता है।
ये ध्यान रखें
स्टेरॉयड लेने से बचें। इससे होने वाला मुंहासा अलग प्रकार होता है जो गंभीर भी हो सकता है।
भ्रम
लड़कियां हों या लड़के, मुंहासों को लेकर जेहन में कई धारणाएं हैं। जैसे दूषित रक्त,ज्यादा जंक फूड खाने व पेट संबंधी समस्या है तो मुंहासे होते हैं।
तथ्य
मुंहासों की समस्या की मुख्य वजह केवल हार्मोन में बदलाव है।
Published on:
10 Oct 2017 05:45 pm
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