
नई दिल्ली. रिलायंस कंपनी न्यू एनर्जी यानी इलेक्ट्रिक कारों के लिए बैटरी का उत्पादन। दूसरा डिजिटल में व्यापक रूप से अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की तैयारी में हैं। जानते हैं इसके पीछे की क्या है वजह-
अगले 10 वर्षों की योजना
प्लास्टिक रिसाइकिलिंग : 10881 करोड़
केमिकल्स : 76193 करोड़
डिजिटल : 108820 करोड़
न्यू एनर्जी 108820 करोड़
रिटेल : 101563 करोड़
तेल कारोबार में हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने तेल से रसायन कारोबार के पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई में डिमर्जर की रूपरेखा घोषित कर दी है। कंपनी ने शेयरहोल्डर्स व क्रेडिटर्स से मंजूरी मांगी है। गौरतलब है कि तेल से रसायन व्यवसाय को अलग इकाई बनाने का काम पिछले साल शुरू किया था। कंपनी के तेल-से-रसायन व्यवसाय का मूल्यांकन 75 अरब डॉलर किया गया था। कंपनी सऊदी अरब ऑयल कंपनी (अरामको) के साथ 20 प्रतिशत हिस्सेदारी की बिक्री के लिए बातचीत कर रही थी। लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण यह रुक गई थी। दोनों कंपनियों के बीच एक बार फिर बातचीत का दौर शुरू हो रहा है।
कंपनी का तर्क
कंपनी का कहना है कि अरामको को हिस्सेदारी बेचने के पीछे की वजह रिन्यूएबल एनर्जी की ओर फोकस करना है। स्वच्छ व हरित ऊर्जा विकास की दिशा में कारोबार को बढ़ाएगी।
निवेश की वजह 72 फीसदी ग्रोथ
दुनिया के दो सबसे रिलायंस कंपनी के अमीर मुकेश अंबानी व टेस्ला कंपनी के मालिक एलन मस्क अक्षय ऊर्जा के उत्पादन व भंडारण के लिए बैटरी व सौर पैनल के लिए बड़ा निवेश कर रहे हैं। क्योंकि कोरोना महामारी के बावजूद पिछले साल इस क्षेत्र में 72 फीसदी ग्रोथ है। दोनों कंपनियो की नजर आगामी दस सालों में 36,24,97 करोड़ रुपए के बाजार पर कब्जा करने की है।
Published on:
24 Feb 2021 11:13 pm
बड़ी खबरें
View Allस्वास्थ्य
ट्रेंडिंग
लाइफस्टाइल
