8 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Cancer : सोशल मीडिया का दावा, सनस्क्रीन और परफ्यूम के इस्तेमाल से होता है कैंसर, जानें क्या है सच

Cancer : सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स का दावा है कि सनस्क्रीन या परफ्यूम के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा हो सकता है। इनमें एंडोक्राइन डिसरप्टर्स नामक एक रसायन होता है जो कैंसर पैदा करता है। हालांकि विशेषज्ञों ने इन सभी दावों को खारिज कर दिया है।

3 min read
Google source verification

भारत

image

Himadri Joshi

Jun 30, 2025

cancer

cancer ( AI generated )

Cancer : सोशल मीडिया पर आए दिन कोई न कोई नए ट्रेंड या कोई न्यूज वायरल होती रहती है। कई बार इन खबरों में सच्चाई होती है तो बहुत बार यह बस वायरल करने के उद्देश्य से फैलाई जाती है। इनके वायरल होने पर ट्रेंड में बने रहने के लिए अधिकतर सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स भी उन चीजों के बारे में जाने पहचाने उसे प्रोमोट कर देते है। इन दिनों भी सोशल मीडिया पर ऐसा ही एक दावा वायरल हो रहा है जिसके अनुसार, सनस्क्रीन या परफ्यूम के इस्तेमाल से कैंसर का खतरा हो सकता है। सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर्स की माने तो इन दोनों ही स्किन प्रोडक्ट्स में एंडोक्राइन डिसरप्टर्स नामक एक रसायन होता है जो कैंसर पैदा करता है। यह रसायन शरीर के हॉर्मोन को बिगाड़ सकते हैं और कैंसर जैसी कई बीमारियों का कारण बन सकते हैं।

एंडोक्राइन डिसरप्टर क्या हैं?

हमारे शरीर में एक एंडोक्राइन सिस्टम होता है, जो हॉर्मोन बनाता है। ये हॉर्मोन हमारे शरीर के कई कामों को नियंत्रित करते हैं, जैसे कि ग्रोथ, मेटाबॉलिज्म और रिप्रोडक्शन। एंडोक्राइन डिसरप्टर ( हार्मोन को बिगाड़ने वाले) ऐसे रसायन होते हैं जो इस हॉर्मोन सिस्टम में रुकावट डालते हैं। ये हॉर्मोन की तरह काम कर सकते हैं, उनके काम को रोक सकते हैं, या उनके उत्पादन को कम या ज्यादा कर सकते हैं। इससे शरीर का हॉर्मोन संतुलन बिगड़ सकता है। यह हार्मोन-संवेदनशील कैंसर जैसे कि स्तन (ब्रेस्ट), गर्भाशय (यूट्राइन) और प्रोस्टेट कैंसर के खतरे को बढ़ाते है। इनसे शरीर का प्राकृतिक हार्मोन सिस्टम बाधित होता है जिससे कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि होती है जो ट्यूमर पैदा कर सकती है।

क्या सनस्क्रीन या परफ्यूम में है कैंसर के रसायन

विशेषज्ञों ने बताया कि, वर्तमान में ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो यह साबित कर सके कि सनस्क्रीन या परफ्यूम और मनुष्यों में हार्मोनल असंतुलन या कैंसर के बीच कोई सीधा संबंध है। साथ ही विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि हाल ही में कुछ सनस्क्रीन उत्पादों में बेंजीन नाम का एक रसायन पाया गया है, जो कि कैंसर पैदा कर सकता है। लेकिन ऐसा बहुत कम होता है और यह इसे जानबूझ कर इन उत्पादों में नहीं मिलाया जाता है। अगर उत्पादन प्रक्रिया के दौरान या कच्चे माल में मिलावट के कारण या किसी अन्य कारण से ऐसा हो भी जाए तो इसकी बिक्री से पहले सरकारी नियामक एजेंसियां इसका पता लगा लेती है।

क्या सनस्क्रीन या परफ्यूम में होते है एंडोक्राइन डिसरप्टर तत्व

सोशल मीडिया के अनुसार, सनस्क्रीन और परफ्यूम में पाए जाने वाले कुछ तत्व एंडोक्राइन डिसरप्टर हो सकते हैं। सनस्क्रीन में मौजूद कुछ रसायन जैसे ऑक्सीबेंजोन और ऑक्टिनॉक्सेट शरीर द्वारा सोख लिए जाते है। इसके बाद ही इन दावों पर चर्चाएं शुरु हो गई। लेकिन मौजूद वैज्ञानिक प्रमाणों में इन दावों का समर्थन करने वाले कोई सबूत नहीं मिले। सोशल मीडिया पर इस तरह के दावे कई बार वायरल होते रहते है, लेकिन इन्हें विशेषज्ञों ने नकार दिया है। यहां तक की कई शोध और स्वास्थ्य संगठन तो इस बात का भी दावा करते है कि त्वचा के कैंसर को रोकने में सनस्क्रीन के फायदे उसके अप्रमाणित जोखिमों से बहुत ज्यादा है। इसी तरह परफ्यूम में भी इतने रसायन नहीं होते है जो उन्हें रोजमर्रा में इस्तेमाल करने के लिए खतरनाक बना दे।

कैसे चुने सही सनस्क्रीन

सनस्क्रीन चुनते समय यह ध्यान रखे की यह आपको UVA और UVB दोनों किरणों से बचाए। UVA किरणें त्वचा की उम्र बढ़ाती हैं और UVB किरणें सनबर्न का कारण बनती है। अपनी जरूरत के अनुसार सनस्क्रीन का सन प्रोटेक्शन फैक्टर ( एसपीएफ ) चुने। अगर आप ज्यादा देर धूप में रहते है तो ज्यादा एसपीएफ और कम देर रहते है तो कम एसपीएफ वाली सनस्क्रीन चुने। इस बात का भी ध्यान रखे की आपकी सनस्क्रीन केमिकल फ्री और मिनरल आधारित हो। उसमें जिंक ऑक्साइड या टाइटेनियम डाइऑक्साइड जैसे मिनरल मौजूद हो, जो आमतौर पर सुरक्षित और प्रभावी माने जाते है। जिन प्रोडक्टस पर मिलावट की शिकायत हो उनके उपयोग से बचे और प्रोडक्ट खरीदते समय उनकी एक्सपायरी डेट चेक कर ले।

कैसे चुने सही परफ्यूम

परफ्यूम से होने वाले संभावित नुकसान से बचने के लिए उन प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल न करें जो उनमें इस्तेमाल होने वाली सभी चीजों की पूरी जानकारी नहीं बताते है। ऐसे ब्रांड चुनें जो पारदर्शिता को प्राथमिकता देते हैं और प्राकृतिक एसेंशियल ऑयल के उपयोग से अपने प्रोडक्ट तैयार करते है। इससे होने वाले नुकसान की अधिक चिंता होने पर खुशबू-मुक्त प्रोडक्ट चुने और उन्हें सीधे अपनी त्वचा पर लगाने से बचे।