डिहाइड्रेशन से बचने का सबसे आसान तरीका है – पानी पीना! गर्मी में, भले ही प्यास न लगे, फिर भी दिनभर पानी पीते रहना ज़रूरी है. लक्ष्य ये रखें कि हर रोज़ कम से कम आठ गिलास पानी पिएं. अगर आप बहुत पसीना बहा रहे हैं, तो इससे भी ज़्यादा पानी पीना फायदेमंद होगा.
पसीना बहाने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स कम हो जाते हैं. ये मिनरल्स शरीर के कई कार्यों के लिए ज़रूरी होते हैं. इनकी कमी को पूरा करने के लिए इलेक्ट्रोलाइट्स से भरपूर पेय पदार्थों का सेवन फायदेमंद है. इसमें स्पोर्ट्स ड्रिंक्स या नारियल पानी शामिल हैं. ये आपके शरीर में सोडियम, पोटेशियम और अन्य मिनरल्स का संतुलन बनाए रखने में मदद कर सकते हैं.
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चिलचिलाती धूप और उमस से बचने के लिए ठंडी जगह ढूंढना ज़रूरी है. बाहर निकलते समय धूप से बचें और अगर हो सके तो वातानुकूलित वातावरण में रहने की कोशिश करें. अगर आप बाहर हैं, तो पेड़ों की छाया या किसी ठंडी जगह को तलाशें. पंखे की हवा लेकर अपने शरीर को ठंडा रखने में भी मदद मिल सकती है.
गर्मी को मात देने के लिए अपने पहनावे पर भी ध्यान दें! गर्मियों में शरीर को ढीले-ढाले और हल्के कपड़ों की ज़रूरत होती है. सूती या लिनन जैसे हवादार कपड़े पहनना फायदेमंद होता है. ये कपड़े शरीर को ज़्यादा गर्म होने से बचाते हैं और पसीने को आसानी से सूखने देते हैं.
गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचना है तो शराब और कैफीनयुक्त पेय पदार्थों का सेवन सीमित कर दें. ये चीजें पेशाब को बढ़ाकर शरीर में पानी की कमी कर सकती हैं. इनकी जगह पानी या ऐसे तरल पदार्थ पिएं जो शरीर को हाइड्रेट रखने में मदद करें. इससे आप गर्मियों में भी तरोताजा रहेंगे.
गर्मी को मात देने के लिए सिर्फ तरल पदार्थ ही काफी नहीं होते! अपने शरीर का तापमान कम करने के लिए कुछ और उपाय भी किए जा सकते हैं. ठंडे सेक लगाएं या ठंडा स्नान करें. आप स्प्रे बॉटल में पानी भरकर उससे अपने शरीर पर हल्का सा छिड़काव भी कर सकते हैं, इससे ठंडक का अहसास होगा. अगर आप व्यायाम कर रहे हैं या बाहर गर्मी में समय बिता रहे हैं, तो बीच-बीच में रुककर आराम करें और शरीर को ठंडा होने दें. अपने शरीर की सुनें और खुद को ज़्यादा जोर ना डालें.
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।