
Energy Deficiency
Energy Deficiency in Indians : सुबह आंख खुलते ही फिर से कंबल में दुबक जाने का मन करता है। रात भर सोने के बाद भी सुबह उठते ही शरीर थका-थका सा लगता है? दिन भर चाय-कॉफी के सहारे काम चलता है लेकिन फिर भी ऑफिस में बैठे-बैठे नींद आती है या काम में मन नहीं लगता? अगर आपके साथ भी ऐसा ही होता तो आप अकेले नहीं हैं। भारत में हर दूसरा युवा जिस उम्र में उसे जोश और फुर्ती से भरा होना चाहिए वो सुस्त और तनाव में नजर आ रहा है। हाल ही में ICMR (इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च) की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट ने इस समस्या की जड़ का खुलासा किया है।
ICMR की रिपोर्ट बताती है कि लगभग 70% भारतीय परिवारों में ऊर्जा (एनर्जी) की कमी पाई गई है, जबकि प्रोटीन की कमी वाले परिवार लगभग 27% हैं। इसका सीधा मतलब है कि हमारे भारतीय भोजन, खासकर अनाज और बाजरे पर आधारित आहार में, प्रोटीन से ज्यादा ऊर्जा की कमी एक बड़ी समस्या है। रिपोर्ट यह भी कहती है कि गरीब लोग अपने भोजन की मात्रा बढ़ाकर इस ऊर्जा के अंतर को आसानी से कम कर सकते हैं। लेकिन बात सिर्फ गरीबी की नहीं आज के अधिकतर युवा चाहे वे किसी भी वर्ग से हों शरीर में ऊर्जा की कमी के कारण सुस्ती और तनाव की समस्या से जूझ रहे हैं।
शरीर में पर्याप्त पोषण, खासकर प्रोटीन, कैलोरी और अन्य जरूरी पोषक तत्वों की कमी के कारण ऊर्जा की कमी होना एक आम बात हो गई है। यह कमी न सिर्फ आपके शारीरिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर रही है बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डाल रही है।
उत्पादकता में कमी (Low Productivity): पढ़ाई, नौकरी या बिजनेस में सफलता के लिए अच्छी उत्पादकता जरूरी है। लेकिन ऊर्जा की कमी होने पर ध्यान भटकता है काम में मन नहीं लगता और इसका सीधा असर आपकी उत्पादकता पर पड़ता है।
बढ़ता तनाव और मानसिक थकान: लगातार ऊर्जा की कमी से सिर्फ शरीर ही नहीं, दिमाग भी थका हुआ और बोझिल महसूस करता है। इससे तनाव, चिंता और डिप्रेशन जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
चिड़चिड़ापन और मूड स्विंग: कम ऊर्जा स्तर का सीधा असर आपके मूड पर होता है। युवाओं में चिड़चिड़ापन, उदासी और छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना आम होता जा रहा है जिसका नकारात्मक प्रभाव उनके रिश्तों और काम दोनों पर पड़ रहा है।
मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी: पर्याप्त पोषण न मिलने से मांसपेशियों में दर्द, कमज़ोरी और थकान महसूस होती है जिससे रोजाना के काम करना भी मुश्किल हो जाता है।
सिरदर्द: ऊर्जा की कमी अक्सर नींद में कमी, थकान और मानसिक दबाव से जुड़ी होती है, जो सिरदर्द का कारण बन सकती है।
कमजोर इम्यून सिस्टम: जब शरीर में ऊर्जा की कमी बनी रहती है तो हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यून सिस्टम) कमजोर हो जाती है। इससे हम बार-बार बीमार पड़ते हैं और ज्यादा थकान महसूस करते हैं।
Deficiency of Vitamin B12: क्यों होती है B12 की कमी
शरीर में ऊर्जा की कमी के कई कारण हो सकते हैं जिनमें से कुछ प्रमुख इस प्रकार हैं:
गलत खान-पान: जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड और बहुत ज्यादा चीनी वाले खाद्य पदार्थ ऊर्जा के स्तर को कम कर सकते हैं।
विटामिन और मिनरल्स की कमी: विटामिन B12, आयरन और मैग्नीशियम जैसे जरूरी पोषक तत्वों की कमी थकान और कमज़ोरी का एक बड़ा कारण है।
नींद की कमी: कम या खराब गुणवत्ता वाली नींद शरीर की रिकवरी को धीमा कर देती है, जिससे ऊर्जा की कमी महसूस होती है।
व्यायाम की कमी: शारीरिक गतिविधि न करने से शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है, जो ऊर्जा की कमी का कारण बनता है।
तनाव और चिंता: लगातार मानसिक तनाव शरीर में हार्मोनल असंतुलन पैदा करता है, जिससे ऊर्जा धीरे-धीरे कम होने लगती है।
ICMR की यह रिपोर्ट एक अलार्म है। यह सिर्फ़ भारत की खाद्य सुरक्षा ही नहीं, बल्कि हमारे युवाओं के भविष्य से भी जुड़ा एक गंभीर मुद्दा है।
संतुलित आहार अपनाएं: अपने भोजन में अनाज, दालें, ताज़ी सब्ज़ियां, फल और दूध जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल करें. अनाज और बाजरे को अपने आहार का हिस्सा बनाए।
जरूरी पोषक तत्वों पर ध्यान दें: यदि आपको लगातार थकान महसूस होती है तो डॉक्टर से सलाह लें और ज़रूरी हो तो विटामिन B12, आयरन या मैग्नीशियम सप्लीमेंट्स लें।
पर्याप्त नींद लें: हर रात 7-8 घंटे की गहरी नींद लेने की कोशिश करें।
नियमित व्यायाम करें: रोजाना कम से कम 30 मिनट का शारीरिक व्यायाम आपको ऊर्जावान बनाए रखेगा.
तनाव प्रबंधन: योग, ध्यान या अपने पसंदीदा शौक के जरिए तनाव को कम करने का प्रयास करें।
अगर आप भी बिना किसी कारण सुस्ती और तनाव महसूस करते हैं तो यह आपके शरीर में ऊर्जा की कमी का संकेत हो सकता है। अपनी डाइट में सुधार करें, लाइफस्टाइल में बदलाव करें।
Published on:
15 Jul 2025 03:49 pm
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