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स्वास्थ्य

योग के चार प्रकार, आठ अंग, आसान है सीखना, हर कोई कर सकता है योग

योग एक प्राचीन भारतीय ध्यान और आध्यात्मिक तकनीक है जो शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को संतुलित करने का प्रयास करता है। यहाँ तक कि कर्म योग जैसे विभिन्न प्रकार के योग भी हैं, जो सभी को समान रूप से समान लाभ प्रदान करते हैं।

जयपुरMay 14, 2024 / 10:59 am

Manoj Kumar

four types of yoga

four types of yoga

Yoga ke prakar : योग के मुख्य चार प्रकार होता हैं। राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग। कर्म योग के अनुसार हर कोई योग करता है।

योग के प्रकार Yoga ke prakar

राज योग Raj yoga

राज योग, जिसे राजसी योग भी कहा जाता है, एक प्राचीन योग विधि है जो मानसिक और आध्यात्मिक विकास को प्रमोट करने के लिए अपनाई जाती है। इसमें आठ महत्वपूर्ण अंग होते हैं, जो यम (शपथ), नियम (आचरण-अनुशासन), आसन (मुद्राएं), प्राणायाम (श्वास नियंत्रण), प्रत्याहार (इंद्रियों का नियंत्रण), धारण (एकाग्रता), ध्यान (मेडिटेशन), और समाधि (परमानंद या अंतिम मुक्ति) कहलाते हैं। ये अंग अध्यात्मिक साधना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और व्यक्ति को आत्मज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर करते हैं।

कर्म योग karma yoga

कर्म योग, जो सेवा का मार्ग है, एक अत्यंत महत्वपूर्ण आध्यात्मिक योग विधि है। यह योग विचारशीलता को समाहित करता है कि हमारे कार्यों के माध्यम से ही हम अपने आत्मज्ञान और समर्पण की ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं। इसमें आत्म-समर्पण और सेवा की भावना निहित होती है, जो स्वार्थ और नकारात्मकता को दूर करते हुए हमें उच्चतम साध्यों की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग प्रदान करती है। इससे हम वर्तमान के साथ ही भविष्य को भी श्रेष्ठ बनाने की क्षमता प्राप्त करते हैं।
Yoga ke prakar
Yoga ke prakar

भक्ति योग Bhakti yoga

भक्ति योग एक आध्यात्मिक पथ है जो सभी को परमात्मा की सेवा और समर्पण के माध्यम से अपने आत्मा के साथ एकीकृत करता है। इसमें स्नेह, श्रद्धा, और आदर्श परमात्मा के प्रति विश्वास का विकास होता है। भक्ति योग के माध्यम से व्यक्ति अपनी भावनाओं को नियंत्रित करता है और परमात्मा के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना को अपनाता है। यह मार्ग अनंत स्नेह और सहिष्णुता की भावना को विकसित करता है और सभी को एक दिव्य संबंध में जोड़ता है।

ज्ञान योग Gyan yoga

ज्ञान योग एक आध्यात्मिक पथ है जो बुद्धि के विकास और आत्मज्ञान को प्रमोट करता है। यह ऋषि या विद्वानों का मार्ग है, जो ग्रंथों के अध्ययन के माध्यम से बुद्धि को प्रेरित करता है। ज्ञान योग को सबसे कठिन माना जाता है क्योंकि यह विचारों के उन्नति और आध्यात्मिक ज्ञान के लिए मानव की प्रारंभिक भूमिका को पार करने की आवश्यकता होती है, लेकिन यह सबसे प्रत्यक्ष और अनुभवसाध्य योग माना जाता है।

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