
Home remedies for vomiting
Home remedies for vomiting: सफर में कई लोगों को उल्टी होने की समस्या बनी रहती है। जब भी वे कार, बस में बैठते हैं उल्टी आना शुरू हो जाती है। बार-बार उन्टी आने से शरीर में निर्जलीकरण की भी समस्या बढ़ने लगती है। बचपन में उल्टी आने पर नींबू पर काली मिर्च लगाकर उसे चाटने की सलाह दी जाती थी, तो कभी सेब का रस और अदरक का अर्क खाने के लिए दिया जाता था। ऐसे में आज हम जानेंगे की कैसे हम इस इस समस्या से बच सकते हैं।
नींबू का रस
नींबू की खटास पेट को सुकून देने में सहायक होती है और उल्टी की भावना को कम करती है। इसमें पाए जाने वाले न्यूट्रलाइजिंग एसिड बाइकार्बोनेट में बदल जाते हैं, जिससे पाचन में सुधार होता है।
बनाने की विधि: इस स्थिति में, गुनगुने पानी में नींबू का रस और शहद मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
पुदीने की पत्तियां
पुदीने की पत्तियों की खुशबू और स्वाद पाचन तंत्र को आराम देता है। इसकी मदद से अपच, ब्लोटिंग, मॉर्निंग सिकनेस और मोशन सिकनेस से राहत मिलती है। पुदीने में एक्टिव कंपाउड मेन्थॉल और मेन्थोन की उच्च मात्रा पाई जाती है। इससे पेट की मांसपेशियों को आराम मिलता है।
बनाने की विधि: मतली की भावना कम करने के लिए चाय में उबालकर या पत्तियां चबाने से इसका फायदा मिलता है।
अदरक
अदरक में जिंजरोल नामक तत्व होता है, जो मिचली और उल्टी की भावना को कम करने में सहायक है। इसमें उपस्थित बायोएक्टिव यौगिक शोगोल एंटीऑक्सीडेंट्स से समृद्ध है। यह पाचन में सुधार लाने में मदद करता है।
बनाने की विधि: इसके लिए अदरक की चाय, अदरक का रस या अदरक के टुकड़े को चबाना फायदेमंद होता है।
सौंफ
इसमें मौजूद एनिथोल तत्व में एंटी बैक्टीरियल या एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते है। इससे गैस और ब्लोटिंग से राहत मिल जाती है। सौंफ का सेवन जहां पाचन को सुधारता है, तो वहीं उल्टी होने की अनुभूति को कम करता है।
बनाने की विधि: इसके लिए सौंफ को पानी में उबालकर या चाय में डालकर भी पी सकते हैं।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के अनुसार गैस्ट्रोएसोफागीयल रिफ्लक्स डिसऑर्डर और एसिड रिफ्लक्स मतली का कारण बन सकते हैं। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब पेट में उत्पन्न एसिड फूड पाइप में वापस आ जाता है। अधिक तले-भुने और मसालेदार भोजन इस समस्या को बढ़ाने में सहायक होते हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
02 Feb 2025 11:12 am
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