
Ayurvedic Herb for Anemia to Diabetes
उत्तराखंड की पहाड़ियों में पाई जानी वाली ये जड़ी है जिंबू। खास बात ये है कि इस जड़ी का प्रयोग खाने में स्वाद बढ़ाने के लिए भी किया जाता है और औषधिय के रूप में भी।यह एक बाराहमासी जड़ी-बूटी है जिसमें गुलाबी फूल और पत्ते होते हैं। जिंबू ग्लूटामेट सामग्री में समृद्ध है। ग्लूटामेट एक अमीनो एसिड है, जिसे खाने में मिलाया जाए, तो काफी हद तक व्यंजन का स्वाद बदल जाता है।
जिंबू आसानी से आप अपने घर में भी उगा सकते हैं। इसकी हरी पत्तियां या सूखी पत्तियों को भी खाया जा सकता है। जिंबू, प्याज के परिवार से जुड़ी एक दुर्लभ जड़ी-बूटी है। इसे मसाले के रूप में प्रयोग किया जाता है क्योंकि इसकी खूशबू अच्छी होती है और सेहत के लिए भी फायदेमंद है। तो चलिए जाने जिंबू के फायदे।
डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल में फायदेमंद
जिंबू एक ऐसा हर्ब है जो डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल ही नहीं, खून और नसों से जुड़ी हर समस्या में लाभकारी है। इसकी हरी पत्तियां ब्लड में ग्लूकोज कम करती हैं , क्योंकि इसे खाने से इंसुलिन एक्टिव होता है। वहीं ये ब्लड में जमी वसा को बाहर करने में भी कारगर है। इसे हरा या सूखा किसी भी रूप में किया जा सकता है। इसे पानी में उबाल कर काढ़ा बना कर पीएं और सब्जी आदि में भी इस्तेमाल करें।
पीरियड्स की समस्या होगी दूर
हैवी पीरियड्स या पीरियड्स के दौरान पेट दर्द या मूड स्विंग जैसी कई समस्या का इलाज जिंबू में छुपा है। मासिक धर्म की परेशानी को कम करने के लिए इसे पानी में उबाल कर पीना चाहिए।
रेड ब्लड सेल्स बनाने वाली
जिंबू रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में भी मददगार है और हीमोग्लोबिन को भी बढ़ाती है। अगर आप खून की कमी से परेशान हैं तो इसे काढ़े के रूप में लेना शुरू कर दें।
बैक्टीरियल इंफेक्शन में भी कारगर
इसमें विटामिन सी की मौजूदगी शरीर में हानिकारक बैक्टीरिया के विकास को रोकने में मदद करती है। इस दुलर्भ जड़ी-बूटी का नियमित सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।
सर्दी-खांसी में लाभदायक
इसमें मौजूद विटामिन सी इम्यूनिटी बढ़ाने का काम करता है। इसके अलावा इसमें सर्दी, फ्लू, खांसी, पेट दर्द और गले की खराश को ठीक करने के बेहतरीन गुण हैं।
बुखार ठीक करने में मददगार
अगर आए दिन बुखार रहता है, तो जिंबू का सेवन करना चाहिए। इसका उपयोग विभिन्न बीमारियों जैसे फ्लू और बुखार को ठीक करने में सदियों से किया जा रहा है।
डिस्क्लेमर- आर्टिकल में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल सामान्य जानकारी प्रदान करते हैं। इन्हें आजमाने से पहले किसी विशेषज्ञ अथवा चिकित्सक से सलाह जरूर लें। 'पत्रिका' इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
Published on:
03 Jun 2022 10:41 am
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