योग: परिघ नामक योग दोपहर १२.५२ तक, इसके बाद शिव नामक नैसर्गिक शुभ योग है। परिघ योग की पूर्वाद्र्ध घटियां शुभ कार्यों में त्याज्य हैं। विशिष्ट योग: रवियोग नामक दोष समूह नाशक शक्तिशाली शुभ योग दोपहर १२.०७ बजे तक व पुन: प्रारंभ रात्रि ११.५८ से। करण: गर नामकरण दोपहर बाद २.३९ तक, इसके बाद रात्रि १२.५८ तक वणिज नामकरण, भद्रा प्रारम्भ हो जाएगी।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: ८.२१ से ९.४० तक शुभ तथा दोपहर १२.१६ से सायं ४.११ तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर ११.५५ से दोपहर १२.३७ तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
राहुकाल: प्रात: ९.०० से १०.३० बजे तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासंभव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चेः आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (लो, अ, इ, ऊ, ए) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। सायं ५.२८ तक जन्मे जातकों की राशि मेष व इसके बाद जन्मे जातकों की राशि वृष है। इनका जन्म स्वर्णपाद से हुआ है। स्वर्णपाद से जन्मे जातकों के स्वास्थ्य की विशेष चिंता रहती है। सामान्यत: ये जातक धनवान, कीर्तिवान, साहसी, सत्यप्रिय, सुमार्गी, पर कुछ अस्थिर मन-मस्तिष्क वाले होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग २५ वर्ष की आयु तक होता है। मेष राशि वाले जातकों को आज वाहनादि के प्रयोग में सावधानी बरतनी चाहिए।