scriptकोरोना की कुंडली: देखिये कब है इसका मृत्यु योग | corona is going to death from india | Patrika News
राशिफल

कोरोना की कुंडली: देखिये कब है इसका मृत्यु योग

इस दिन से अर्थव्यवस्था फिर पकड़नी शुरू करेगी रफ्तार…

भोपालApr 29, 2020 / 03:45 pm

दीपेश तिवारी

corona_last_stage

corona is going to death from india

कोरोना वायरस coronavirus जिसे लेकर इस समय पूरी दुनिया मे हडकंप मचा हुआ है। यहां वहां लॉकडाउन की स्थिति है, ऐसे में लगातार लोगों के मन में ये सवाल पैदा हो रहा है कि आखिर ये खत्म कब और कैसे होगा।

कोरोना को लेकर जहां तमाम तरह के दावे सामने आ रहे हैं। वहीं इसे लेकर ज्योतिष के जानकार पंडित सुनील शर्मा की ओर से भी एक खास बात कहीं गई है, जिसमें उन्होंने कोरोना की पैदाइश की वजह के साथ ही इसके खात्मे के बारे में भी बताया है।

corona kundali

पं. शर्मा के अनुसार इसके अध्ययन के लिए उनके द्वारा सूर्यग्रहण की भारत में स्थिति सहित समाचार पत्रों के अनुसार कब कोरोना सामने आया की भी कुंडली बनाई गई। जिसके आधार पर उन्होंने कोरोना के समाप्त होने की बात कही है।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार जिस साल का राजा शनि होता है, और अंत में सूर्य ग्रहण की स्थिति आती है माना जाता है कि उस वर्ष महामारी फैलने या युद्ध की संभावना रहती है। कुल मिलाकर इस दौरान जन व धन हानि का योग माना जाता है। ऐसे में संवत्सर 2076 में ये दोनों योग बने, जिसका परिणाम आज आपके सामने है। इसके साथ ही ज्योतिषीय गणना के अनुसार, शनि, राहु और केतु ये तीनों ग्रह अप्रत्याशित परिणामों के कारक गए हैं।

MUST READ : ग्रहों की अभी नहीं बदल रही चाल, जानें कब से शुरू होगा सफर

https://www.patrika.com/horoscope-rashifal/train-and-plane-services-may-be-started-for-this-day-in-india-jyotish-6046220/

क्या कहते हैं कोरोना पर ज्योतिषीय आंकड़े…
सबसे पहले बात करते है कोरोना की कुंडली के बारे में इस संबंध में सामने आ रही सूचनाओं के अनुसार पहला केस 8 दिसंबर 2019 को चीन के वुहान की राजधानी हुबेई में आया था।

वहीं कुंडली के अनुसार इसका कुम्भ लग्न का उदय हुआ। चूंकि कुम्भ राशि का स्वामी शनि है अतएव इस पर पूरा मुख्य प्रभाव शनि का रहा। वहीं इसकी मारकेश राशि कन्या यानि बुध के स्वामित्व वाली राशि रही। वहीं इसमें चंद्र का भी काफी हस्तक्षेप दिखता है, जो मेष में है और जिसका स्वामी मंगल है। वहीं पहले केस के सामने आने के समय चन्द्रमा अश्विनी नक्षत्र में था।


वहीं कोरोना के संबंध में 17 दिसंबर 2019 को केस ट्रेस हुआ जो चीन के वुहान की राजधानी हुबेई में आया था।
खास बात ये कि इस बार भी इस कुंडली का लग्न कुम्भ ही रहा और इस कारण इसका स्वामित्व भी शनि पर ही रहा। लेकिन यहां चंद्र ने स्थिति बदल ली और वह सूर्य के घर में जा पहुंचा। वहीं इस दौरान भी मारकेश कन्या यानि बुध के स्वामित्व की राशि ही रही। इस समय चन्द्रमा मघा नक्षत्र में था।

MUST READ : हर संकट से उबार सकती हैं आपको, रामचरितमानस की ये चौपाइयां

https://www.patrika.com/bhopal-news/ramcharitmanas-in-full-hindi-with-special-chaupaiyan-6045250/

वहीं 26 दिसंबर 2019 को लगे सूर्य ग्रहण ने इस रोग को फैलाने में सहयोग किया। जबकि 21 जून 2020 को आने वाला सूर्यग्रहण इस रोग के फैलाव पर रोक लगाने पर कुछ हद तक सफल दिख रहा है। जबकि इसके बाद ये स्थिति कुछ हद तक यदि ध्यान नहीं रखा गया तो फिर क्रिटिकल हो सकती है।

लेकिन मंगल का प्रभाव व शुक्र की स्थिति इस ग्रहण के बाद हमें आगे बढ़ने की ओर इशारा करती है। जिसमें अर्थव्यवस्था में सुधार सहित कई बिंदू शामिल हैं। ऐसे में ये भी माना जा सकता है कि 21 जून 2020 के बाद जहां इसके एक दो केस समाने आते रहेंगे यानि स्थिति कंट्रोल में तो रहेगी, लेकिन पूरी तरह से खत्म इस दौरान ये नहीं होगा।

कुल मिलाकर ज्योतिष के अनुसर कोरोना वायरस की स्थिति इतनी जल्दी पूरी तरह से कंट्रोल में आती नहीं दिख रही है, लेकिन बुध के वापस उदय होने के बाद काफी हद तक बदलनी शुरु हो जाएगी। बुध अभी अस्त है और ये 13 मई को उदय होंगे। जिसके बाद कोरोना का असर सीमित होने लगेगा।

MUST READ : बुधवार है श्रीगणेश का दिन- इन नामों व मंत्रों के जाप से दूर होती हैं अड़चनें

https://www.patrika.com/dharma-karma/get-blessing-of-shree-ganesh-ji-on-wednesday-6048146/

ऐसे समझें कोरोना की कुंडली…
कोरोना को लेकर बनाई गई कुंडली में कई तरह की चौंकाने वाली बातें सामने आईं हैं। इसके अनुसार कोरोना के दोनों ही केस में शनि का लग्न होना ये जाहिर करता है कि इस के पीछे शनि का काफी योगदान रहा है। वहीं दोनों ही केस में मारकेश बुध के स्वामित्व वाली राशि रही हैं।

यानि बुध का उदय इसे काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। जबकि इन दोनों ही केस के समय बुध कर्म भाव में मंगल की राशि वृश्चिक में रहा। वहीं इन दोनों मामलों में राहु भी बुध की राशि में पंचम भाव में रहा। इन दोनों में शुक्र ने अपनी स्थिति में परिवर्तन किया था।

एक और खास बात ये रही कि दोनों केस व दिसंबर के सूर्य ग्रहण के समय शनि,गुरु व केतु हर जगह साथ रहे, जबकि आने वाले सूर्यग्रहण यानि 21 जून 2020 को केतु इनसे अलग दिख रहा है। लेकिन रोग भाव का ये केतु काफी घातक हो सकता है, जबकि मंगल इस समय गुरु के स्वामित्व वाली राशि में भाग्य भाव में बैठा है, वहीं शुक्र के स्वयं की राशि में आय भाव में बैठना शुभ संकेत दे रहा है।


MUST READ : एक बार फिर लॉकडाउन के बीच आया पंचक, जानिये कब होगा कोरोना का अंत

https://www.patrika.com/horoscope-rashifal/novel-coronavirus-death-date-released-in-india-after-panchak-6042522/

इसके अलावा जहां 8 दिसंबर की कुंडली के मुताबिक इसकी उम्र काफी सीमित दिख रही है, वहीं 17 दिसंबर केस की पुष्टि वाले दिन इसकी उम्र लंबी होती दिख रही है। इससे यही संभावना सामने आ रही है कि समय रहते ही यानि 08 दिसंबर 2019 को इस केस के संबंध में बता दिया जाता तो इस पर जल्द ही कंट्रोल किया जा सकता था, लेकिन इसे देरी से दुनिया के सामने लाने के चलते इसकी उम्र में इजाफा हो गया है।

ऐसे में ग्रहों के इशारे इस कोरोना वायरस के लंबे चलने की ओर संकेत तो कर रहे हैं, लेकिन इसके जल्द ही सीमित हो जाने की ओर भी इशारा करते दिख रहे हैं। ऐसे में इसका असर सीमित होने के बावजूद तकरीबन पूरी तरह से सफाया सितंबर अंत या अक्टूबर में होने की संभावना है।

Home / Astrology and Spirituality / Horoscope / कोरोना की कुंडली: देखिये कब है इसका मृत्यु योग

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो