17 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण के साथ मनाया फूलोत्सव

ग्राम सांगाखेड़ा कलां बाबई में आचार्य पुष्कर परसाई ने श्रीमद्भागवत कथा में छठवें दिन अहंकार की कथा का वर्णन किया।

less than 1 minute read
Google source verification
श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण के साथ मनाया फूलोत्सव

श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण के साथ मनाया फूलोत्सव

होशंगाबाद. ग्राम सांगाखेड़ा कलां बाबई में श्रीमद्भागवत कथा में छठवें दिन अहंकार की कथा का वर्णन किया। आचार्य पुष्कर परसाई ने कहा भगवान अपने भक्तों के जीवन मे अहंकार नहीं आने देते। ब्रह्मा और इंद्र के अहंकार के नाश की कथा सुनाते हुए आचार्य ने कहा, जहां अहंकार होता है वहां भगवान वास नही करते।धर्म यदि जीवित है तो उसका कारण माताएं हैं। आज कथा पंडालों में, मंदिरों में और अन्य सनातन धार्मिक स्थलों में पुरुषों की तुलना में महिलाओं की संख्या अधिक होती है। महिलाओं का संस्कारित होना आवश्यक भी है, क्योंकि वे न केवल खुद का और परिवार का कल्याण करती हैं वरन अपने आने वाली पीढ़ी को भी धर्म पथ पर अग्रसरित करती हैं। इस दौरान रुक्मिणी मंगल हुआ। श्रोताओं ने भक्ति भाव पूर्वक भगवान राधा-कृष्ण के साथ फूलों से उत्सव मनाया।

इसके पूर्व आचार्य ने भगवान की बालालीलाओं, गोपीगीत की व्याख्या, भगवान कृष्ण के मथुरा गमन का चित्रण किया। उन्होंने बताया कि प्रेम रहित हृदय से भक्ति संभव नहीं। कंस वध की कथा सुनाते हुए कहा, भगवान को जो जिस भाव से भजता है भगवान वैसे ही रूप को धारण कर लेते हैं।उद्धव चरित्र का चित्रण करते हुए कहा, भक्ति प्रेम की पराकाष्ठा है। परमात्मा को ज्ञान के द्वारा जाना जा सकता है, यदि परमात्मा को पाना है तो एक मात्र साधन प्रेम ही है।