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छात्राओं ने जाना एजोला तकनीक से कैसे बढ़ सकता है उत्पादन

 शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत एजोला खाद का अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्राओं को प्रदान किया गया। 

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छात्राओं ने जाना एजोला तकनीक से कैसे बढ़ सकता है उत्पादन

छात्राओं ने जाना एजोला तकनीक से कैसे बढ़ सकता है उत्पादन

होशंगाबाद. शासकीय गृहविज्ञान स्नातकोत्तर महाविद्यालय में स्वामी विवेकानंद कॅरियर मार्गदर्शन प्रकोष्ठ के अंतर्गत एजोला खाद का अल्पावधि रोजगारोन्मुखी प्रशिक्षण कार्यक्रम छात्राओं को प्रदान किया गया। इसमें छात्राओं ने एजोला तकनीक की जानकारी प्राप्त की। एजोला एक प्रकार की बहुउपयोगी शैवाल है जिसका खाद के रूप में उपयोग कर हम फसल के अच्छा उत्पादन लेने के लिए एवं पशु आहार के रूप में दुग्ध के अच्छा उत्पादन के लिए करते हैं।

प्राचार्य डॉ. कामिनी जैन ने बताया कि एजोला का उत्पादन हम घर पर ही कम खर्च एवं कम स्थान पर कर सकते हैं। उन्होने बताया कि लगभग 50 से 60 किग्रा एजोला को खाद के रूप में उपयोग करने से धान की फसल में लगभग 50 से 60 प्रतिशत की उत्पादन क्षमता की बढा़ेतरी की जा सकती है।

प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. संगीता अहिरवार ने बताया कि इस प्रकार के प्रशिक्षण प्राप्त कर छात्राएं कम लागत एवं छोटे स्तर पर एजोला का उत्पादन कर सकती हैं। इसका उपयोग फसल उत्पादन के क्षेत्र में कारगर साबित होता है।उक्त प्रशिक्षण में सहयोगी के रूप में नीलम चौधरी, धीरज खातरकर, पूजा थापक, डॉ. श्रद्धा हर्णे, शिवानी चौबे एवं महाविद्यालय की छात्राएं उपस्थित रहीं।