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होशंगाबाद. गांव की राजनीति ठीक नहीं है, माहौल खराब है। घर में पत्नी और छह बच्चों की जिम्मेदारी का बोझ। सामने बेटी रश्मि (परिवर्तित नाम) के हाथ पीले करने की चिंता सता रही। मजदूरी भी मिल नहीं रही। यह कहना है सिवनीमालवा के ग्राम हिरनखेड़ा के मजदूर दिनेश हरियाले का। रिश्तेदारी देखकर वह अपनी १५ साल की बेटी के विवाह की तैयारी कर रहा था। इसकी सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम ने पहुंचकर बाल विवाह रुकवाया। अब बेटी पढ़ाई करेगी और दसवीं की परीक्षा देगी।
पिता बच्ची को पढ़ाने किया राजी
पिता दिनेश हरियाले ने बताया कि शादी की बातचीत चल रही है। अभी तय नहीं हुई है। परियोजना अधिकारी रामकुमार सोनी ने जब बालिका से पूछा कि वह पढऩा चाहती है तो बालिका ने सहमति दी। बालिका को आगे पढ़ाने के लिए भी पिता को तैयार किया गया। तहसीलदार ने माता-पिता को समझाया कि वह ओपन से बच्ची को दसवीं की पढ़ाई करवाएं और घर बैठे परीक्षा दिलवाएं। अब उक्त किशोरी पढ़ाई करेगी। मौके पर महिला बाल विकास सहायक ग्रेड-3 भारत धनवारे,आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मंजुला लूटोरिया, विनीता लौवंशी, कीर्ति गोस्वामी आशा कार्यकर्ता सागर धनवारे एवं ग्रामीण उपस्थित थे।
तहसीलदार ने समझाइश के लिए भेजी टीम
सिवनी मालवा तहसीलदार दिनेश सांवरे ने महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी राम कुमार सोनी को ग्राम हिरण खेड़ा में बाल विवाह होने की सूचना दी। परियोजना अधिकारी सोनी द्वारा अपनी टीम पर्यवेक्षक सुचित्रा राजावत एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ घर पहुंचे और पंचनामा बनाया। पिता दिनेश हरियाले, माता कृपा हरियाले सहित बड़े भाई, भाभी और बहनों को बाल विवाह नहीं करने के लिए समझाया। जिस पर परिजन मान गए।
Published on:
01 Jun 2020 07:00 am
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