
सांगाखेड़ा कलां भागवत में मना नंदोत्सव
होशंगाबाद. ग्राम सांगाखेड़ा कलां बाबई में श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस भगवान कृष्ण के जन्म की कथा हुई साथ ही भक्तों ने नंदोत्सव का आनंद लिया।
कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए आचार्य पुष्कर परसाईग्राम ने कहा, भगवान नंद और यशोदा के यहां ही आते हैं। व्याकरण अनुसार यशोदा का अर्थ होता है यश योग्य कार्य करके भी अपने यश का दूसरों को श्रेय दे दे यश दे दे वह होती है यशोदा। जो सबको आनंद दे दुख न दे वो होता है नंद। जब हम नंद यशोदा बनने का प्रयास करेंगे। तब ही भगवान हमारे जीवन मे आएंगे।
आचार्य ने कहा श्रीमद्भागवत में कृष्ण जन्म से पहले राम जन्म की कथा आती है, क्योंकि भगवान कृष्ण की लीलाओं को समझने के लिए मन का निर्मल होना आवश्यक है और रामचंद्र भगवान का चरित्र मन को निर्मल करता है।
इसके पूर्व आचार्य ने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि ध्रुव चरित्र और प्रह्लाद चरित्र हमें जीवन में अपनी संतान के किस प्रकार पालन करना चाहिए यह शिक्षा देता है। ध्रुव चरित्र की कथा सुनाते हुए कहा कि मां ही है जो संतान से पिता का परिचय कराती है किंतु मां का यह भी कर्तव्य है कि वह समय रहते संतान का परमपिता से भी परिचय कराया।
अंत मे सभी श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव और आनंद के साथ नंद घर आनंद भयो के जय कारों के साथ कृष्णजन्मोत्सव मनाया। माखन मिश्री आदि का भोग लगा कर प्रसादी वितरण हुई।
Published on:
27 Feb 2020 08:41 pm
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