
विरोध.... हार्वेस्टर मालिकों ने दी प्रशासन को खुली चेतावनी- नहीं लगाएंगे एसएमएस व भूसा मशीन
सोहागपुर. जिला प्रशासन द्वारा गेहूं कटाई के दौरान हार्वेस्टर मशीन के साथ सब मशीन सिस्टम अर्थात एसएमएस एवं भूसा मशीन लगाने के नियम को लेकर हार्वेस्टर मालिकों में विरोध है। मामले में बुधवार को ब्लॉक के हार्वेस्टर मालिकों ने प्रदेश कांग्रेस सचिव पुष्पराज पटेल के नेतृत्व में तहसीलदार पी निगम से के साथ बैठक की तथा समस्याओं से अवगत कराया है।
बैठक में कहा गया है कि जिला प्रशासन ने गत दिनों एक बैठक की थी जिसमें नियम बनाया था कि हार्वेस्टर के साथ एसएमएस लगाया जाएगा जो कि अनुचित है, क्योंकि इस नियम के पालन में हार्वेस्टर मालिकों को एक साथ 20 लाख रुपए तक की राशि लगानी होगी, जो कि अल्प समय में संभव नहीं है। साथ ही यह बात भी उठाई गई कि एसएमएस की प्रक्रिया का जब नेट पर वीडियो देखा गया तो उसमें स्पष्ट नजर आ रहा है कि नरवाई तो तब भी शेष रह ही जाएगी, यहां तक कि हार्वेेस्टर से निकलने वाले गेहूं के पौधे का हिस्सा एसएमएस से और पतला हो जाएगा, जो कि आग के कम समय में फैलने का बड़ा कारण बनेगा। बैठक उपरांत पुष्पराज पटेल व हार्वेस्टर मालिकों ने कहा कि तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर जिला प्रशासन को अवगत कराया जा रहा है कि नरवाई में आग की 20 प्रतिशत घटनाएं भूसा मशीन से तथा बिजली के शाट सर्किट से होती हैं। हार्वेस्टर से फसल या नरवाई में आग नहीं लगती है।
लगाया आरोप
बैठक के दौरान हार्वेस्टर मालिकों ने जिला प्रशासन पर मनमानी का आरोप लगाया तथा कहा कि मात्र होशंगाबाद जिले में ही हार्वेस्टर के साथ एसएमएस का नियम बनाया गया है। आसपास के किसी जिले में इस प्रकार का कोई नियम नहीं है। पटेल ने तो यहां तक आरोप लगाया कि आगजनी की पिछले वर्षों की कुछ प्रतिशत घटनाएं यदि भूसा मशीन के कारण हुई हैं तो इसके लिए प्रशासन दोषी है।
दवा सिंचाई पंप उचित विकल्प
बैठक में हार्वेस्टर मालिकों ने आगजनी से बचने का विकल्प दिया है कि प्रत्येक किसान के पास दवा सिंचाई का एक पंप होता है। जिसमें कम से कम 500 लीटर द्रव भराव की क्षमता तो होती ही है, साथ ही यह पर्याप्त प्रेशर से पानी को 50 मीटर तक फेंक सकता है। यदि हार्वेस्टर के साथ इस पंप की अनिवार्यता घोषित कर दी जाए तो आगजनी पर तत्काल काबू किया जा सकता है।
बैठक उपरांत तहसीलदार पी निगम ने मीडिया को बताया कि ज्ञापन कलेक्टर को पहुंचाया जाएगा। उन्होंने कहा कि नियम का मुख्य उद्देश्य नरवाई में लगने वाली आग की घटनाओं को रोकने का है। क्योंकि इससे जान-माल तक का नुकसान गत वर्ष जिले में ही हो चुका है।
Published on:
05 Mar 2020 09:00 am
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