हुबली

नदी के प्रदूषित पानी से जमीनें हो रही बंजर

लूणी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में रखी बात जोजरी नदी को प्रदूषण मुक्त बनाना ही प्रमुख मांग

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Luni Assembly constituency

लूणी विधानसभा क्षेत्र में जोजरी नदी में घुल रहा रासायनिक पानी का प्रदूषण न केवल लूणी के कई गांवों की जमीन बंजर कर रहा है, बल्कि प्रदूषित पानी पीने से पशु भी मौत के शिकार हो रहे हैं। पाली की फैक्ट्रियों का पानी नदी में आने से लूणी विधानसभा क्षेत्र के धुंधाड़ा समेत कई गांवों की जमीन बंजर हो रही है। जोजरी नदी सालों से प्रदूषित हैं, जोजरी का मुद्दा विधानसभा में भी उठ चुका, लेकिन इस पर कोई प्रभावी योजना अमल में नहीं आई है। जोजरी नदी को प्रदूषण से मुक्त कराने का मुद्दा हर साल उठता है, लेकिन नदी पुनरुद्धार के लिए बनी कार्ययोजना पर कोई अमल नहीं हुआ। राजस्थान पत्रिका परिचर्चा में लूणी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने अपनी बात रखी। राजस्थान पत्रिका हुब्बल्ली के संपादकीय प्रभारी अशोक सिंह राजपुरोहित ने परिचर्चा का संयोजन किया। प्रस्तुत हैं परिचर्चा के प्रमुख अंश:

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पहले होता था मीठा पानी सप्लाई
आज से कोई तीन दशक पहले तक धुंधाड़ा से आसपास के दर्जनों गांवों में मीठा पानी सप्लाई होता था। अब प्रदूषण के चलते पानी खारा हो चुका है। हम हमारे गांव धुंधाड़ा में दो साल में एक बार स्नेह मिलन रख रहे हैं। तीन दिवसीय इस स्नेह मिलन समारोह में देशभर से धुंधाड़ा मूल के लोग परिवार सहित शामिल होते हैं। इससे आपसी प्रेमभाव एवं मेलजोल बढ़ता है।
- केवलचन्द जैन।
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बेहतर विकास
वैसे इलाके में सड़कें अच्छी है। गांवों में स्ट्रीट लाइटें भी लगी हैं। इलाके में पहले की तुलना में बेहतर विकास हुआ है।
- तेजराज विनायकिया।
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सरकारी बसों की कमी
ग्रामीण इलाकों में सरकारी बसों की कमी खलती है। अस्पतालों में 24 घंटे इलाज की सुविधा होनी चाहिए। कई चिकित्सकों के अप-डाइन की प्रवृत्ति के चलते मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पाता है।
- सुरेश चौपड़ा।
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स्वास्थ्य सुविधाओं की दरकार
इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। ऐसे में गंभीर बीमारी के इलाज के लिए जोधपुर या बालोतरा जाना पड़ता है। चिकित्सकों के मुख्यालय पर नहीं रुकने से लोगों को इमरजेंसी सुविधा नहीं मिल पा रही है। धुंधाड़ा में पुराना किला बना है। इसे यदि पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जाएं तो और अधिक पर्यटक यहां तक आ सकते हैं।
- महेन्द्र चौपड़ा।
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जन्मभूमि से जुड़ाव
हम साल में दो से तीन बार अपने गांव जाते हैं। अपनी जन्मभूमि से जुड़ाव बना हुआ है। लम्बी दूरी की ट्रेनों का ठहराव धुंधाड़ा स्टेशन पर किया जाना चाहिए। साथ ही स्टेशन को विकसित किए जाने की दरकार है।
- कांतिलाल पालगोता।
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ट्रेनों का ठहराव हो
इलाके में विकास कम हुआ है। धुंधाड़ा में करीब एक सौ से अधिक दुकानें हैं। यहां आसपास के दर्जनों गांवों के लोग खरीदारी के लिए आते हैं। पिछले एक दशक में दुकानों की संख्या तेजी से बढ़ी है। एम्बुलेंस के समय पर नहीं मिलने से भी मरीजों को परेशानी होती है। एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव लूणी या समदड़ी में हैं लेकिन धुंधाडा़ में नहीं है। साथ ही धुंधाड़ा का रेलवे प्लेटफॉर्म काफी नीचे होने से यात्रियों को दिक्कत हो रही है। क्षेत्र में चोरी की वारदातें भी बढ़ी हैं। ऐसे में इलाके में पुलिस चौकी स्थापित की जानी चाहिए।
- बाबूलाल पालगोता, अध्यक्ष, कर्नाटक राजस्थान यूथ फेडरेशन।
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Published on:
08 Nov 2023 01:17 pm
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