हुबली

संतोष से बड़ा सुख और धन दुनिया में दूसरा कुछ नहीं, अभिमान को हटाने के लिए विनम्रता को अपनाएं

श्री नागेश्वर पाश्र्व भैरव धाम अवलगेरे (दावणगेरे) में विराजित साध्वी भव्य गुणाश्री ने अपने संदेश में कहा कि जिंदगी को स्वर्ग सरीखे आनंद और मिठासभरी बनाना चाहते हो तो अपने जीवन से पांच दोषों को हमेशा के लिए समाप्त कर दो।

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साध्वी शीतल गुणाश्री एवं साध्वी भव्य गुणाश्री

लोभ को हटाने के लिए संतोष को अपनाएं
साध्वी भव्य गुणाश्री ने कहा, ये पांच दोष हैंं- स्वभाव में पलने वाला गुस्सा, भीतर में पलने वाला अहंकार-अभिमान या ईगो, छल-प्रपंच या माया, लोभ और ईष्र्या। अभिमान को हटाने विनम्रता को अपना लो। माया को हटाने मित्रता को अपना लो। लोभ को हटाने संतोष को अपना लो। संतोष से बड़ा सुख और धन दुनिया में और कुछ होता नहीं है। ईष्र्या को हटाने सबको अपना मान लो। औरों की खुशी में खुश होना और औरों के दुख को बांटना सीख लो।

अच्छी सोच का मालिक बनें
इस अवसर पर साध्वी शीतल गुणाश्री ने कहा कि हर आदमी को अपने जीवन में अच्छे स्वभाव, अच्छी सोच का मालिक होना ही चाहिए। यही वे सद्गुण हैं जो आदमी के वर्तमान को भी उज्ज्वल बनाते हैं। जैसा आदमी का नेचर होता है, वैसा ही फ्यूचर होता है। श्री शंखेश्वर पाश्र्व-राजेन्द्र सूरि संघ काईपेट के ट्रस्ट अध्यक्ष पूनमचंद जैन ने बताया कि साध्वीवृंद का चातुर्मास प्रवेशोत्सव 2 जुलाई 2025 को शंखेश्वर पाश्र्व-राजेन्द्र गुरु मंदिर मे होगा।

Published on:
25 Jun 2025 05:05 pm
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