15 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

इंडियन रीजनल

अपात्रों के नियमितीकरण के बाद एरियर्स राशि दिलाने के नाम पर खेल शुरू

सारंगढ़ क्षेत्र के कुछ भृत्य बड़े अधिकारी के इशारे पर कर रहे काम

Google source verification

रायगढ़। एक ओर आदिवासी विकास विभाग में चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों में अपात्रों को नियमीत करने के मामले में हुई शिकायत की जांच चल रही है तो वहीं दूसरी ओर सारंगढ़ क्षेत्र के कुछ कर्मचारी एक बड़े अधिकारी के इशारे पर एरियर्स राशि दिलाने के नाम पर खेल शुरू कर दिए हैं।
पिछले कुछ महिनों से आदिवासी विकास विभाग में नए-नए कारनामे सामने आ रहा है, अब तक सामने आए कारनामों में तीन मामलों में जांच चल रही है। इसमें चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों के नियमितीकरण के मामले में भी आदिवासी विकास विभाग रायपुर के आयुक्त शम्मी आबिदी के आदेश पर जांच चल रहा है, इसमें हांलाकि जांच करीब-करीब पूरी हो चुकी है, लेकिन वहीं इससे जुड़ा एक नया कारनामा सामने आ रहा है। चतुर्थं वर्ग के कुछ कर्मचारियों से फोन पर चर्चा किया गया तो पता चला कि पहले जिन लोगों के माध्यम से नियमितीकरण के नाम पर चढ़ावा का खेल खेला गया है उन्ही लोगों के माध्यम से अब कर्मचारियों को एरियर्स राशि दिलाने के नाम पर खेल शुरू कर दिया गया है। इस नाम से भी चढावा लिया जा रहा है। हांलाकि कर्मचारी एरियर्स राशि मिलने के लालच में कर्मचारी चढ़ावा भी दे रहे हैं। कुछ लोगों ने बताया कि उन्होने दिनेश व अंबिका को एरियर्स के ६ प्रतिशत के हिसाब से राशि दिया है।
खाते में करा रहे हैं ट्रंासफर
एरियर्स राशि दिलाने के नाम पर अलग-अलग कर्मचारियों से अलग-अलग चढ़ावा लेने की बात सामने आ रही है। जिन कर्मचारियों द्वारा यह काम किया जा रहा है उनके हौसले इतना बुलंद है कि सीधे अपने खाते में राशि ट्रंासफर करा रहे हैं।
बना हुआ है चर्चा का विषय
सारंगढ़ व रायगढ़ में विभाग में यह बात चर्चा का विषय बना हुआ है कि अगर अधिकारियों के चहेते कर्मचारियों के खातों की जांच की जाए तो कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ सकते हैं।
वर्सन
आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त के खिलाफ हुई शिकायतों की जानकारी मिली है। जांच चल रही है। जांच के बाद दोषी अधिकारी व संबंधित लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
उत्तरी जांगड़े, विधायक सारंगढ़
वर्सन
एरियर्स राशि तो नियमानुसार मिलेगा। मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। और अगर ऐसा कुछ हो रहा है तो मै दिखवाता हूं।
अविनाश श्रीवास, सहायक आयुक्त अजाक विभाग