MUST READ: पूजा के दौरान अगर ये 3 संकेत मिले, तो समझ लें भगवान ने सुन ली आपकी पुकार पति-पत्नी वही जो एक दूसरे से प्रसन्न रहे
उन्होंने कहा, शिष्य वही जो गुरु की प्रसन्नता में प्रसन्न रहे। पुत्र वही है जो पिता की प्रसन्नता में प्रसन्न रहे, पति-पत्नी वही जो एक-दूसरे की प्रसन्नता में प्रसन्न रहे, खुश रहे। हर व्यक्ति को हमेशा प्रसन्नचित्त होकर जीवन जीना चाहिए। कथा को अनुष्ठान की पद्धति से श्रवण करना चाहिए। भगवान की कथा रस है। भगवान की कथा हमेशा श्रवण करना चाहिए। इंदौर के भक्त बहुत ही सौभाग्यशाली हैं जिन्हें कथा श्रवण करने का अवसर मिल रहा है।
शामिल रहे बड़े-बड़े नेता
विधायक रमेश मेंदोला और अक्षत चौधरी ने बताया, कथा के दूसरे दिन हजारों भक्तों का सैलाब उमड़ा। गर्मी को देखते हुए पंडाल में समुचित व्यवस्था की गई है। शास्त्री ने विभिन्न प्रसंगों का वर्णन किया। हजारों महिलाएं भजनों पर झूमीं। राधे-राधे के जयकारों से पूरा परिसर गूंज उठा। शाम को भजन संध्या भी हुई। व्यासपीठ का पूजन उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट, अक्षय बम ने किया।