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अनंत चतुर्दशी कल : मिलों ने तैयार की एक से बढ़कर एक झांकियां

करीब सवा सौ वर्षों से इंदौर की शान-पहचान बन चुकी अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले झांकियां का कारवां कल अपने पूरे ठाठ से निकलेगा। दो वर्ष से कोरोना संकट के दौरान प्रतिबंधों के चलते आयोजन नहीं किया जा रहा था, लेकिन इस मर्तबा महामारी के शिथिल पडऩे के बाद फिर से झांकियां निकलेंगीं, जिनका बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग पलक-पावडे बिछाए इंतजार कर रहे हैं।

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अनंत चतुर्दशी कल : मिलों ने तैयार की एक से बढ़कर एक झांकियां

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इंदौर।

कोरोना महामारी के दो साल बाद इंदौर की पहचान बन चुकी अनंत चतुर्दशी पर निकलने वाले झांकियां का कारवां फिर से निकलेगा। बच्चों से लेकर बड़े बुजुर्ग पलक पावडे बिछाए इन झांकियों का इंतजार करते है। झिलमिलाती रंगीन रोशनी और डीजे, बैंड के शोर में आवाज तक नहीं सुनाई देती है और रातजगा, मस्ती धूम के बीच लोग बेसब्री से कारवां को निहारते हैं। शहर में 1975 से 1977 तक इमरजेंसी के दौर में भी झांकियां निकालीं गईं, लेकिन कोरोना ने इस पर ब्रेक लगा दिए था। 97 वें साल (2020) में कोरोना के कारण झांकियां नहीं निकल सकीं थीं। झांकियों का 97 साल का इतिहास समेटे हुकुमचंद मिल ने 1924 में सबसे पहले झांकी निकाली थी। समय के साथ दूसरी मिल भी उत्सव का हिस्सा बनती गईं और कारवां चल पड़ा। इन 97 साल में झांकियों ने बैलगाड़ी से गाडिय़ों तक का सफर तय किया। लालटेन, गैस बत्ती की जगह इलेक्ट्रिक लाइटिंग ने ले ली। झांकियों के साथ अखाड़ों भी चल समारोह में आगे आगे उस्ताद और खलीफा अपने-अपने पहलवानों को हैरतअंगेज करतब दिखाने के लिए तैयार हैं।

इस बार इस रंग में नजर आएंगी झांकियां

खजराना गणेश मंदिर

झांकी इस बार पर्यावरण का संदेश देगी। भगवान श्रीगणेश का वाहन मूषक हमें पर्यावरण का संदेश देने के साथ पेड़ पौधे लगाने के लिए प्रेरित नहीं करेंगे, बल्कि स्वच्छता के साथ स्वास्थ्य भी सुरंदता का भी संदेश देंगे।

इंदौर विकास प्रधिकरण (आईडीए)

झांकी में शहर में हो रहे विकास कार्य को सजीव चित्रण किया है। प्राधिकारण शहर को जल्द आईएसबीटी की सौगात देने जा रहा है। इसका माडल पहले भाग में दिखाया गया है। साथ ही पर्यावरण का संदेश देते वृक्षारोण भी दिखाए गए है। झांकी के दूसरे भाग में आईडीए शहर में 100 बगीचे विकसित करने जा रहा है, उन्हें दिखाया गया है। तीसरे भाग में आजादी का अमृत महोत्सव मनाते हुए देशवासियों का चित्रण किया गया। इसी प्रकार सुरसा हनुमान की झांकी भी शामिल रहेगी। इसमें सीतामाता की खोज में जाते समय समुद्र में सुरसा राक्षसी के मुंह में प्रवेश करते हुए और बाहर निकल जाते है तब सुरसा हनुमान की से प्रसन्न होकर हनुमानजी को आशीर्वाद दिया। इसी का चित्रण झांकी में किया गया है पहले भाग में हनुमानजी का विशाल रुप और दूसरे भाग में विराट राक्षसी के मुंह में प्रवेश करते हुए चित्रण दर्शाया गया है।

होप टेक्स्टाईल्स लिमिटेड

पहली झांकी गणेश विवाह पर आधारित है। जिसमें झांकी के प्रथम भाग में कार्तिकेय मयूर पर सवार होकर पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए नजर आएंगे। द्वितीय भाग में गणेशजी को माता पार्वती, पिता शिव की

परिक्रमा करते हुए दिखेंगे। तृतीय भाग में रिद्धि सिद्धी संग गणेशजी का विवाह का मनोहारी दृश्य बताया गया है।

स्वदेशी मिल्स

ब्रज की होली दिखाई गई है। कैसे ब्रज में रंगों की बाहर और लाठ मार होली होती है। उसी पर आधारित झांकी बनाई गई है। इस झांकी में प्रथम स्थान गणेशजी की मूर्ति स्थापित है फिर एक बड़ा मोर पंख और श्यामसुंदर की बांसुरी बड़े आकार में मोर पंख के साथ दिखाई गई है। इसके ठीक पीछे भोलेनाथजी, माता पार्वतीजी, ब्रज की होली का उत्सव का आनंद लेते हुए दिखाया गया है। तीन गोपीयां होली उत्सव में नृत्य कर आनंद ले रही है। इनके पीछे बाद में सखी लठ मारते हुए ग्वाल बालाओं को दिखाया गया है। यह दृश्य ब्रज के लठमार होली के नाम से प्रसिद्ध है। बाद में राधाकृष्ण को आप में स्थापित कर सुसज्जित किया गया।

हुकुमचंद मिल

यहां पर झांकियों में ईश्वर के अलग अलग रुप दिखाए गए है। भगवान कृष्ण और कालिया नाग की लड़ाई के बाद कृष्ण हराकर उसके फन पर नाचते हुए झांकी में दिखाया गया है। भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार भी दिखा गया है। १८ फीट उंची विशाल मत्स्य अवतार सजीव झांकी के माध्यम से उनके अवतार की गाथा बताई जा रही है। इसी प्रकार भगवान महाकाल की भस्म आरती पर आधाररित झांकी भी रखी गई है। जिसमें भक्तों को नाचते गाते भी दिखा गया है।

इंदौर नगर निगम

नगर निगम अपनी परंपरा के अनुसार इस बार भगवान श्रीकृष्ण और राधा के संग दिखाया गया है। जिसमें भगवान श्रीकृष्ण राधा संग अलग अलग रासरंग में नजर आ रहे हैं। वहीं आकर्षण विद्युत्त सज्जा के माध्यम से पीछे बड़ा सुदर्शन चक्र की आकृ़ति स्वरुप में विद्युत्त सज्जा की गई है। जिससे यह राधाकृष्ण का नृत्य और भी मनोहारी हो रहा है।

राजकुमार मिल

मिल की झांकी में इस बार भगवान गणेश के बाल स्वरुप के दर्शन कराए गए है। कैलाश पर्वत पर शिव के डमरू पर बाल गणेश नृत्य करते हुए दिखाई दे रहे है। मां पार्वती और नंदी नृत्य का आनंद लेते हुए दिखाई दे रही है। कलाकारों ने अपनी कलाकारी दिखाते हुए झांकी में भगवान गणेशजी को उपर और नीचे जाकर नृत्य करते हुए दिखाया है। वहीं देशभक्ति से ओतप्रोत झांकी भी बनाई गई है। जिसमें आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भगतसिंह, राजगुरु, सुखदेव, छत्रपति शिवाजी और झांकी की रानी लक्ष्मीबाई भारत माता के अग्रभाग में शहीदों के बलिदान देते हुए दिखा गया है। इसमें ही भारत माता को तीनों सेनाओं के जवान सलामी देते हुए दिखा गया है। साथ ही झांकी में महात्मा गांधी पदयात्रा करते हुए दिखाए गए है।

मालवा मिल

यहां की झांकी में बाबा महाकाल को मौन मुद्रा में दिखा गया। गणेशजी महाकाल की परिक्रमा करते हुए भस्म आरती कर रहे है और श्रद्धालुओं द्वारा भजन करते हुए दिखा गया है। वहीं भगवान राम अयोध्या के दरबार में विराजमान है और हनुमानजी उनकी स्तुति करते हुए दिखाया गया है। वहीं श्रीकृष्ण राधा एवं अन्य गोपियों के साथ ब्रज की होली खेल रहे हैं।

कल्याण मिल

झांकियों के माध्यम से देश भक्ति और धार्मिक परंपराओं पर आधारित है। पहले झांकी में आजादी के अमृत महोत्सव को दर्शाया गया है। जिसमें 35 फीट का तिरंगा जगमगाती विद्युत रोशनी में इंद्रधनुष के रुप में लहराता हुआ दिखा गया है। इसी में सभी धर्मों को शामिल करते हुए हाथों में तिरंगे के तीनों कलर के झंझे दिए गए है और एक साथ आते हुए दिखाई देने पर तिरंगा नजर आता है। जय जवान जय किसान के नारे के साथ पुतला भी दिखा गया है। इसी झांकी में बंद मिल के गेट पर मजदूर अपनी दुदर्शा दिखा रहे हैं। वहीं माता अनसुइया की सजीव झांकी दिखा गई है। जिसमें तीनों देव बाल रुप में माता अनसुइया की गोद में खेलते हुए दिखाई दे रहे हैं। शिव आराधना भी दिखाई गई है। जिसमें 5 फीट के शिवलिंग है। भगवान भोलेनाथ के त्रिशुल पर डमरू बजते हुए दिखा गया है।

जय हरसिद्धि मां सेवा संस्था

निकाले जाने वाली झांकी के प्रथम भाग में महिलाओं रात्रि जागरण कर किए जाने वाले व्रत हरतालिका तीज का पूजन करते हुए अनोखा दृश्य दिखाया गया है।। वहीं द्वितीय भाग में भगवान शिव को परिवार के साथ दिखाया गया है। जिसमें भगवान शिव की विशाल प्रतिमा भी है। यह हमें परिवार की एक जूटता के साथ ही परिजनों को समय देने का संदेश दे रही है।