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आशा डायरी सप्लाय घोटाला : सप्लायर के खिलाफ जांच में मिले सबूत, होगी सख्त कार्रवाई

ऑर्डर देने वाले अधिकारी भी आएंगे घेरे में, एक और शिकायत पहुंची प्रशासन तकसप्लायर के किए जा रहे अवैध निर्माण की भी जुटाई जा रही है जानकारी

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आशा डायरी सप्लाय घोटाला : सप्लायर के खिलाफ जांच में मिले सबूत, होगी सख्त कार्रवाई

इंदौर।

आशा डायरी सप्लाय घोटाले में की जा रही जांच के दौरान जिला प्रशासन को सप्लायर गुलजार के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। इन सबूतों के आधार पर प्रशासन गुलजार और शाहरुख के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की तैयारी कर रहा है। प्रशासन दोनों के अवैध निर्माण की भी जानकारी जुटा रहा है। दूसरी ओर प्रशासन के पास एक और शिकायत पहुंची है। जिसकी गंभीरता से जांच की जा रही है।

बता दें जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक के दौरान स्वास्थ्य विभाग में आशा डायरी सप्लाय घोटाले का पर्दाफाश हुआ। इसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने अपर कलेक्टर डॉ. अभय बेडेकर को पूरे मामले की जांच सौंपी दी। जांच टीम ने पहले राष्ट्रीय हेल्थ मिशन के कार्यालय से दस्तावेज जप्त किए और बुधवार को जिला अस्पताल स्थित स्वास्थ्य विभाग के स्टोर में भी जांच कर दस्तावेज जप्त किए हैं। अब तक खंगाले गए रिकॉर्ड में सप्लायर गुलजार व शाहरुख के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। दस्तावेजों की जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि अधिकारियों ने वर्ष 2010 में ब्लैक लिस्टेड की गई फर्म को ही प्रिंटिंग का ऑर्डर दिया है। यह फर्म शाहरुख और गुलजार के संचालित की जाने की जानकारी सामने आई है। कलेक्टर मनीष सिंह के अनुसार जो दस्तावेजों की जांच में जो सबूत मिले हैं उसके आधार पर दोनों के खिलाफ वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। दूसरी ओर सप्लायर गुलजार के खजराना क्षेत्र में किए जा रहे अवैध निर्माण की जानकारी भी जिला प्रशासन जुटाने में लगा है।

दस पेज की शिकायत

इधर, प्रशासन के पास सप्लायर की ओर से कोरोना काल में विभाग को सप्लाय की गई सामग्रियों की दस पेज की एक शिकायत पहुंची है। इस शिकायत में उपकरणों सहित कोरोना काल में खरीदी गई सामग्रियों की रेट लिस्ट भी दी गई है। जिसमें बताया गया है कि सप्लायर ने विभाग को ऊंचे दामों पर सामग्री बेची है। कुछ खरीदारी जेम पोर्टल के माध्यम से बताई गई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि उक्त सप्लायर ने भी यह सामग्री सप्लाय की है। शिकायत में यह भी बताया गया है कि जिस सामग्री की जरूरत नहीं थी वह भी मनमाने दामों पर खरीदी गई है। फिलहाल प्रशासन ने उक्त शिकायत को गंभीरता से जांच में लिया है।