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सीबीआई की टीम ने इंदौर की रुचि ग्लोबल लिमिटेड और उसके तीन डायरेक्टर के खिलाफ एफआइआर दर्ज की थी। इन पर चार बड़ी बैंकों से 188 करोड़ की धोखाधड़ी के आरोप हैं। इस मामले में पुलिस उद्योगपति उमेश सहारा, साकेत बड़ोदिया और आशुतोष मिश्रा के ठिकानों पर सर्चिंग भी कर रही है। यह कार्रवाई जनवरी 2016 से दिसंबर 2017 के बीच की गई थी। बताया जाता है कि बैंकों की ओर से की गई एफआइआर के बाद सीबीआई ने यह बड़ी कार्रवाई की है। रुचि ग्रुफ आफ इंडस्ट्रीज की सहायक कंपनी के रूप में रुचि ग्लोबल लिमिटेड अस्तित्व में है। यह मेटल्स और दालों का थोक कारोबार करती है। इस कंपनी के मुंबई स्थित रजिस्टर्ड आफिस पर भी कार्रवाई जारी है। प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम दस्तावेज भी सीबीआई की टीम ने बरामद किए हैं।
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इन बैंकों को लगाया चूना
बताया जाता है कि इस कंपनी ने देश के पांच बड़े बैंकों को चूना लगाया है। इनमें बैंक आफ बड़ौदा, पंजाब नेशनल बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स से क्रेडिट सुविधा ले रखी थी। जबकि समय पर पैसा का भुगतान नहीं किया गया। पर्याप्त मौका दिए जाने के बावजूद कंपनी के मालिकों ने रुचि नहीं दिखाई। इनके खातों को नॉन परफार्मिंग असेट्स के रूप में चिन्हित कर दिया गया था। सीबीआई की लंबे समय से चल रही जांच के बाद कंपनी की ओर से बड़े पैमाने पर नियम विरुद्ध रुपयों का ट्रांजेक्शन करना पाया गया। बताया जाता है कि कुछ ऐसी कंपनियों में भी पैसा ट्रांसफर कर दिया गया जो रुचि ग्रुप में सेवारत कर्मचारियों के नाम पर खड़ी कर दी गई थी। इस प्रकार कंपनी ने बैंकों को बड़े पैमाने पर चूना लगाया।