भंवरकुआं क्षेत्र में आने वाले सर्वानंद नगर, ब्रह्मपुरी और शिवमपुरी में अवैध तरीके से बने होस्टलों के निर्माण तोडऩे की कार्रवाई करने की तैयारी निगम ने की। इसको लेकर कार्रवाई की तारीख 18 और 20 जुलाई लगाई गई। निगम अफसरों ने क्षेत्र में दो से तीन अवैध निर्माण तोडऩे के लिए चिह्नित किए थे। सर्वानंद नगर में मौके पर अफसर भी पहुंचे, लेकिन कार्रवाई नहीं हो सकी। कारण क्षेत्र के बिल्डरों ने भोपाल से इंदौर के अफसरों को कॉल करवा दिए कि सिर्फ हमारा ही अवैध निर्माण क्यों तोड़ा जा रहा है? इसके साथ ही कार्रवाई को रुकवाने के लिए कुछ राजनीतिक लोग भी सक्रिय हो गए।
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इसके बाद कार्रवाई करने की बजाय एसडीएम शाश्वत शर्मा और निगम उपायुक्त महेंद्र सिंह चौहान 18 जुलाई को जांच के लिए पहुंचे। इसमें खुलासा हुआ कि 20 से ज्यादा अवैध होस्टल निर्माणाधीन हैं। रहवासियों ने बताया कि दो वर्ष में 70 से ज्यादा होस्टल खुले। इसके बाद निगमायुक्त ने क्षेत्रीय बिल्डिंग अफसर विवेश जैन को सस्पेंड कर दिया और जल्द ही सभी अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने की बात कही है। इसको लेकर निगम तैयारी कर रहा है। जल्द ही सर्वानंद नगर, ब्रह्मपुरी व शिवमपुरी में अवैध तरीक से बने होस्टल और अन्य अवैध निर्माण पर निगम की जेसीबी चलेगी।
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खुलासा करें कि किसके कहने पर रोकी कार्रवाई
इधर, सर्वानंद नगर सहित अन्य कॉलोनियों में अवैध निर्माण तोडऩे की कार्रवाई की तारीख लगाने के बावजूद तोडफ़ोड़ न करने पर मोर्चा कांग्रेस पार्षद दल ने खोला है। इसके साथ ही एक पत्र आयुक्त सिंह को लिखा गया है। इसमें नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम ने सवाल उठाए हैं कि सर्वानंद नगर में अवैध निर्माण तोडऩे की कार्रवाई किसके दबाव में रोकी गई है? कार्रवाई रूकवाने में भोपाल के कौन से अफसर शामिल हैं? किन राजनीतिक लोगों का हस्तक्षेप है? इसका खुलासा किया जाए। अलीम ने कहा कि अवैध निर्माण तोडऩे की रोकी गई अचानक इस कार्रवाई से निगम की छवि धुमिल हुई है।
बिल्डिंग अफसर विवेश जैन पर कार्रवाई की गई, लेकिन इनके पहले जिन बिल्डिंग अफसर और इंस्पेक्टरों ने गड़बड़ी की उन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? अवैध निर्माण की जांच कराकर दोषी अफसरों पर कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि मामले में शीघ्र ही कोई कार्रवाई नहीं की गई तो मामले में शिकायत मुख्यमंत्री कमल नाथ और नगरीय प्रशासन एवं आवास मंत्री जयवर्धन सिंह से की जाएगी।