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फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट कांड: आरटीओ में लाइसेंस शाखा में काम थमा

नवीनीकरण व डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस पर लगा ब्रेकलाइसेंस कार्ड का टोट

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फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट कांड: आरटीओ में लाइसेंस शाखा में काम थमा

इंदौर।

क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस शाखा में इन दिनों लाइसेंस नवीनीकरण और डुप्लीकेट ड्राइविंग लाइसेंस कार्य प्रभावित हो रहा है। अफसर फिलहाल इन लाइसेंस को बनाने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। लंबे समय बाद नए ड्राइविंग लाइसेंस का काम शुरू हो पाया है।

दरअसल, तेजाजी नगर पुलिस ने कुछ दिनों पूर्व आरटीओ कार्यालय के बाहर से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट का पर्दाफाश किया था। इस कार्रवाई में पुलिस ने सात लोगों को गिरफ्तार किया था, जिसमें दो डॉक्टर्स भी पुलिस के हत्थे चढ़े हैं। फिलहाल पुलिस इस मामले की तह तक जाने के प्रयास में लगी है, लेकिन अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई है। पुलिस को एक एजेंट की तलाश है। इस कार्रवाई के बाद लाइसेंस शाखा में ड्राइविंग लाइसेंस का काम काफी प्रभावित हो गए था। एक प्रकार से लाइसेंस ही बनाए जाना बंद हो गया था। एजेंट और एवजियों के माध्यम से होने वाले काम पर ब्रेक लग गया। आवेदक ही आवेदन लेकर पहुंच रहे थे, केवल वही काम हो पा रहे थे।

एवजी-एजेंट हो गए गायब

पुलिस की कार्रवाई का आरटीओ में इस प्रकार खौफ हो गया कि लाइसेंस शाखा में कार्यरत एजेंट गायब हो गए थे। एजेंट के साथ ही कार्यालय में कार्यरत एवजी भी नदारद थे। अफसरों ने भी अपने खास एवजियों को कुछ समय के लिए दूरी बनाने के संकेत दे दिए थे, जिसके चलते कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि अब पुलिस कार्रवाई धीरे-धीरे ठंड़ी पडने लगी, वैसे-वैसे एजेंट और एवजी आमद देने लगे।

काम हो रहा प्रभावित

आरटीओ कार्यालय में धीरे-धीरे काम पटरी पर आ रहा है। चूंकि लाइसेंस शाखा से संबंधित गड़बड़झाला पुलिस ने पकड़ा तो फिलहाल इस शाखा में अफसर फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं। सूत्रों का कहना है फिलहाल नए लाइसेंस बनाने का काम शुरू हो चुका है। पुरानी फाइलें निपटाई जा रही हैं।

ऑनलाइन लेकिन कार्ड का टोटा

आरटीओ कार्यालय को हाईटेक बनाया जा रहा है। लाइसेंस का काम ऑनलाइन ही हो रहा है। इसके बाद भी अभी भी कार्यालय में लाइसेंस कार्ड का टोटा बना हुआ है। अफसर भी स्मार्ट चिप कंपनी को कई बार चेता चुके हैं, इसके बाद भी व्यवस्थाएं दुरुस्त नहीं हो पा रही हैं।