
स्वास्थ्य विभाग: दो दिन में पास हुए पांच करोड़ के बिल
इंदौर।
कोरोना महामारी ने दुनिया को हिलाकर रख दिया। अपनों की जिंदगी बचाने के लिए जेवरात से लेकर घर-बार तक बेच दिए। इस आपदा की घड़ी को कुछ लोग ऐसे भी रहे, इसे अवसर में भी बदलने में संकोच नहीं किया। सरकार को भी लूटने में पीछे नहीं रहे। 100 रुपए मूल्य के पीपीपी कीट को 1500 रुपए और 20 रुपए का मास्क 400 रुपए तक में सप्लाय किया गया। सैनेटाइजर से लेकर अन्य सामग्री अलग है। 10 गुना से अधिक दाम में सरकार को संकट की घड़ी में सामग्री सप्लाय कर मोटा मुनाफा कमाया। कुछ अफसरों ने भी ऐसे सप्लायर का खूब साथ दिया। मिलीभगत का ऐसा खेल खेला गया कि दो दिन में पांच करोड़ के बिल पास हो गए।
कल कलेक्टर मनीष सिंह को स्वास्थ्य विभाग की बैठक के दौरान खरीदी प्रक्रिया की समीक्षा में भारी गंभीर अनियमिताएं मिली। उन्हें स्वास्थ्य विभाग में गहरी पैठ रखने वाले सप्लायर शाहरुख उर्फ गुलजार नामक व्यक्ति की संलिप्तता भी मिली है। इसके खिलाफ जांच कर एफआईआर दर्ज कराए जाने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों की मानें तो गुलजार नामक व्यक्ति अलग-अलग फर्मों के नाम से विभाग में सप्लायर है। स्टेशनरी, प्रिंटिंग तक ही इसका काम सीमित नहीं रहा। वह मेडिकल उपकरण से लेकर अन्य आवश्यक सामग्री तक विभाग को सप्लाय करता है।
कोरोना काल में सप्लाय में ही 10 करोड़ से अधिक का फर्जीवाड़ा
स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों की मानें तो प्रशासन ने यदि कोरोना काल में विभाग को सप्लाय की गई सामग्री की जांच कराई जाए तो 10 करोड़ से अधिक को घोटाला सामने आ जाएगा। अफसरों के साथ गठजोड़ ऐसा रहा कि दो दिन में ही पांच करोड़ के बिल पास हो गए थे। बाजार में मिलने वाली सामग्री को ऊंचे दामों पर विभाग को दिया गया। इस पूरे मामले में विभाग के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की महेरबानी हमेशा सप्लायर पर रही है। तीन साल में विभाग को बड़ी चपत लगाई है।
तीन संभाग में कर रहा सप्लाय
बताया जा रहा है कि गुलजार ने अपना सप्लायर का कामकाज इंदौर जिले में ही नहीं तीन संभाग में फैला रखा है। इंदौर में स्वास्थ्य विभाग में एक अफसर से बड़े ही घनिष्ठ संबंध हैं। उन्हीं के दम पर इंदौर में सारी जमावट की है। 2010 से पहले से प्रिंटिंग के कार्य में उतरे गुलजार ने धीरे-धीरे अपना काम इंदौर, उज्जैन से लेकर भोपाल संभाग तक फैला लिया। प्रिंटिंग के साथ ही स्वास्थ्य विभाग में मेडिकल उपकरण सहित अन्य सामग्री भी सप्लाय करने लगा।
बगैर ऑर्डर सप्लाय कर दी आशा डायरी
कल कलेक्टर ने एनएचएम के तहत वर्तमान में जिले में की जारी खरीदी प्रक्रिया की समीक्षा के दौरान आशा डायरी के आर्डर प्लेसमेंट में गंभीर अनियमितताएं पकड़ी। बिना किसी अधिकृत ऑर्डर प्लेसमेंट के सभी ब्लॉक में आशा डायरी डिलीवर की गई। कलेक्टर ने अपर कलेक्टर अभय बेडेकर के नेतृत्व में जांच दल गठित कर विगत 2 वर्षों में क्रय की गई सामग्री तथा बिलों के भुगतान की स्थिति की जांच करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने स्टोर प्रभारी इंद्रमणि पटेल एवं सहायक स्टोर प्रभारी कैलाश तायरे को निलंबित करने के निर्देश बैठक में ही दे दिए। उक्त मामले में शाहरुख उर्फ गुलजार की संलिप्तता भी पाई गई है। इसके खिलाफ भी जांच कर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए गए हैं।
Published on:
13 Sept 2022 11:21 am
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