
मोनिका को प्रेम में फंसाकर बनाए आपत्तिजनक वीडियो और ‘गंदे’ काम में धकेला, श्वेता नहीं देती थी अपनी ‘वो’ हार्ड ड्राइव
इंदौर. प्रदेश के चर्चित हनीट्रैप मामले में पुलिस ने कोर्ट में 390 पेज का चालान पेश किया है। रसूखदार लोगों के आपत्तिजनक वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करने वाली गैंग से जुड़े कई राज सामने आ रहे हैं। इस केस की आरोपियों में शामिल मोनिका यादव फर्जी आधार कार्ड के जरिए बड़े-बड़े होटलों में ठहरती थी और बड़े लोगों के साथ गोपनीय वीडियो बनाती थी। मोनिका का वह फर्जी आधार कार्ड भोपाल के न्यू मार्केट स्थित दुकान से बनवाया गया था। प्रदेश की राजधानी में इस तरह से फर्जी आधार कार्ड बनने की बात सुरक्षा में सेंध की तरफ संकेत दे रही है।
मोनिका भी बना लिया था वीडियो
गैंग में शामिल फिलहाल फरार चल रहे अभिषेक ने पहले गांव में रहने वाली मोनिका को मोबाइल फोन पर अपने प्रेम जाल में उलझाया था। फिर आरती दयाल को अपनी भाभी बनाकर मिलवाया और उसे भोपाल लाए थे। भोपाल में मोनिका के भी आपत्तिजनक वीडियो और फोटो ले लिए गए थे। इसी वजह से मोनिका इनके साथ काम करने को तैयार हो गई थी। मोनिका ने बताया था कि कुछ वीडियो छतरपुर और जयपुर में भी रखे गए थे, हालांकि बाद में पुलिस ने उन्हें बरामद कर लिया है।
आरती-मोनिका के साथ आई थी रूपा
इसके अलावा इंदौर के नगर निगम के सिटी इंजीनियर और फरियादी हरभजन सिंह से मिलने के लिए जब आरती दयाल और मोनिका यादव अपने ड्राइवर ओम प्रकाश कोरी के साथ इंदौर आई थीं तब उनके साथ रूपा अहिरवार भी थी। रूपा अब तक पुलिस की गिरफ्त में नहीं आई है, लेकिन पुलिस को ओमप्रकाश ने जो बयान दिए हैं उसके मुताबिक हरभजन से मुलाकात के समय रूपा भी इनके साथ इंदौर आई थी।
श्वेता किसी को नहीं देती थी हार्ड ड्राइव
मोनिका ने अपने बयान में कहा है कि हरभजन से जो दो करोड़ रुपए ब्लैकमेल करके मिलने वाले थे वह पूरी राशि श्वेता विजय जैन को मिलना थी, इसमें कुछ पैसे ही आरती और मोनिका को मिलते। ब्लैकमेलिंग गैंग की सरगना श्वेता विजय जैन थी और इनके द्वारा जितने भी शिकार किए गए थे उनमें से अधिकांश के वीडियो श्वेता के भोपाल स्थित मीनाल रेसीडेंसी स्थित मकान में एक हार्ड ड्राइव में थे। श्वेता यह हार्ड ड्राइव किसी को नहीं देती थी।
हरभजन की गुहार- हनीट्रैप से जुड़ीं खबरों के प्रकाशन पर लगे रोक
हनीट्रैप मामले में इससे जुड़ी खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग की गई है। इस मामले में फरियादी और नगर निगम के सिटी इंजीनियर रहे हरभजन सिंह की ओर से हाई कोर्ट में इससे जुड़ा आवेदन पेश किया गया है। जस्टिस एससी शर्मा और जस्टिस शैलेंद्र शुक्ला की युगल पीठ में गुरुवार को उस पर सुनवाई हुई। हरभजन के वकील अविनाश सिरपुरकर ने कहा कि अभी कई बिंदुओं पर जांच जारी है इसलिए इससे जुड़ी खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाई जाना चाहिए।
Published on:
20 Dec 2019 12:16 pm
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