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लॉकडाउन के बाद 500 लोगो की जान हलकान में, इस तरह दिन गुजार रहे लोग

कनाडिय़ा इलाके से लगी बस्तियों में परेशान लोग, दो दिन से भूखे है परिवार

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लॉकडाउन के बाद 500 लोगो की जान हलकान में, इस तरह दिन गुजार रहे लोग

लॉकडाउन के बाद 500 लोगो की जान हलकान में, इस तरह दिन गुजार रहे लोग

इंदौर. कफर््यू के चलते गरीब तबके के लोग काफी परेशान है। उन्हें राशन नहीं मिल पाने से दिक्कतों का सामान करना पड़ रहा है। पहले कई स्वंयसेवी संस्थाए, लोग राशन व खाने के पैकेट बांट रहे थे। लेकिन जब प्रशासन ने नगर निगम के जरिए सामान पहुंचाने का निर्णय लिया तो व्यवस्था गड़बड़ा गई। इंदौर से लगे ग्रामीण इलाकों में स्थिति काफी बुरी है। यहां ना तो कोई संस्था पहुंचा न प्रशासन ने कोई सुध ली। हालत यह है कि दो-तीन दिन से यहां के लोग खाने को लेकर संघर्ष कर रहे है। अब प्रशासन को चाहिए कि वह इन इलाको तक पहुंचे व लोगो को राहत दे। लॉकडाउन की २१ दिन की अवधि में अभी समय बाकी है। ऐसे में इन परिवारो के लिए मुश्किल ना बढ़े इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की है। हम प्रशासन के जिम्मेदार लोगो का ध्यान कुछ बस्तियों की तरफ ले जा रहे है। उम्मीद है कि इनके व इनकी तरह जरुरतमंद अन्य लोगो तक निरंतर मदद पहुंचती रहेगी।


दो दिन से खाना नहीं मिला

कनाडिया इलाके की चोर बावड़ी में करीब 100 घर है। यहां रहने वाले 350 लोग दो दिन से भूखे है। रहवासी कनीराम चौहान बतातें है कि ज्यादातर परिवार मजदूरी कर घर चलाते है। कफर््यू के कारण ना काम मिल रहा है ना खाना। अब तक कोई जिम्मेदार देखने तक नहीं आया। थोड़ा बहुत जो खाने का सामान था वह भी खत्म हो गया। लोगो से कुछ सामान मांगकर गुजर बसर की। अब तो वह भी नहीं मिल रहा। दो दिन से तो खाने को कुछ नहीं है। ज्यादा परेशानी छोटे बच्चों के लिए आ रही है। दिनभर यही इंतजार करते है कि कोई मदद के लिए आएगा। रहवासी मोहन बैरागी बतातें है कि बीमारी के बारें में बताने कोई नहीं आया। घर पर परेशान हो रहे है। पता नहीं आगे के दिन कैसे निकलेंगे।


राशन का सामान उपलब्ध करवाए प्रशासन

कनाडिय़ा में मृदंग गार्डन के पीछे 30 घर बने हुए है। इनमें करीब 100 लोग रहते है। रहवासी लाखन चौहान बतातें है कि सभी लोग रोज कमाने रोज खाने वाले है। किसी के घर पर राशन का सामान स्टॉक में नहीं रहता। कफर््यू लगा तो लोगो की मुश्किल बढ़ गई। जिस ठेकेदार के यहां काम करते थे उससे रुपए उधार लेकर कुछ दिन तक राशन का सामान खरीदा। अब तो दुकानें भी बंद हो गई है। मदद करने के लिए कोई नहीं पहुंचा। लोग आपस में खाने का सामान बांटकर गुजर बसर कर रहे है। अब तो सामान खत्म होने चला है। इसी चिंता में है कि आगे कफर््यू के दिन कैसे निकलेंगे। मृदंग गार्डन में लोगो को इलाज के लिए रखा है। उसके पास ही सभी घर होने के बाद भी प्रशासन कभी मदद करने नहीं आया। प्रशासन से गुहार है कि हमें राशन का सामान उपलब्ध करवाए। हम सभी लोग काफी परेशान है।

बच्चों को संभालना मुश्किल

कनाडिय़ा इलाके के झलारिया कांकड में भी यही स्थिति है। 5 घरो में रहने वाले 30 लोग राशन का सामान नहीं होने के कारण परेशानी उठा रहे है। घर में ना आटा है ना दाल। कफर््यू लगने के बाद दो-तीन दिन तो खाने के पैकेज का इंतजाम हो गया। बाद में बताया गया कि अब खाने के पैकेट बांटने का काम प्रशासन के पास है। अब तो रोजाना ही इंतजार करते है कि कोई मदद लेकर आएगा। प्रशासन के लोग भी कभी स्थिति देखने नहीं आए। किसके पास मदद मांगने जाए पता नहीं। बड़े तो फिर भी कम खाकर भी गुजारा कर ले लेकिन बच्चों को कैसे समझाए।