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मालवा निमाड़: इंदौर, उज्जैन और धार के टिकट इसलिए किए होल्ड

महिलाओं को मौका दे सकती है पार्टी, रतलाम-झाबुआ में भाजपा ने बदला टिकट

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मालवा निमाड़: इंदौर, उज्जैन और धार के टिकट इसलिए किए होल्ड

मालवा निमाड़: इंदौर, उज्जैन और धार के टिकट इसलिए किए होल्ड

इंदौर. लोकसभा चुनाव को लेकर भाजपा ने 195 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है, जिसमें मप्र से 24 नाम घोषित किए गए। मालवा-निमाड़ की आठ में से पांच सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की गई। चार सांसदों को फिर मौका दिया गया तो एक का टिकट काटा है। इंदौर, उज्जैन और धार सीट होल्ड की है। यहां महिलाओं को मौका देने की चर्चा जोरों पर है।
देवास से महेंद्रसिंह सोलंकी, मंदसौर से सुधीर गुप्ता, खरगोन से गजेंद्र पटेल और खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल मौजूदा सांसद हैं, जिन्हें टिकट दिया गया। झाबुआ से अनीता चौहान को प्रत्याशी बनाया गया है। इधर, इंदौर के साथ उज्जैन व धार को होल्ड पर रखा गया है। सांसद शंकर लालवानी को पिछले चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से नजदीकी और सिंधी कोटे का फायदा मिला था। हालांकि पार्टी हलकों में चर्चा है कि तीनों सीट से महिलाओं को मौका दिया जा सकता है, क्योंकि भाजपा महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने की वकालत कर चुकी है। इंदौर में डॉ. दिव्या गुप्ता, डॉ. आयुषी देशमुख व माला ठाकुर के नाम की चर्चा है। हालांकि इंदौर भाजपा का गढ़ है, इसलिए कोई बड़ा व चौंकाने वाला नाम भी आ सकता है।
35 साल से भाजपा का कब्जा

इंदौर लोकसभा पर 35 साल से भाजपा का कब्जा है। 1989 में सुमित्रा महाजन पहली बार सांसद बनी थीं, जिसके बाद 2019 में शंकर लालवानी रिकाॅर्ड 5.47 लाख मतों से जीते थे। देखा जाए तो देशभर में भाजपा की सुरक्षित सीटों में से इंदौर भी है। हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जिले की नौ में से नौ सीट पर पार्टी ने जीत हासिल की। सभी को मिला लें तो जीत का अंतर चार लाख से अधिक है।
सीएम की राय महत्वपूर्ण

उज्जैन में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की राय को महत्व दिया जाएगा। पार्टी की मंशा है कि महिला प्रत्याशी उतारा जाए, जिसे लेकर संगठन ने नाम तो जुटा लिए हैं, लेकिन बताते हैं कि डॉ. यादव ने पार्टी नेताओं पर फैसला छोड़ रखा है। धार में भी भाजपा फूंक-फूंक कर कदम रखेगी, इसलिए मातृ संस्था आरएसएस की सहमति से प्रत्याशी का चयन होगा।
क्यों बदला टिकट?

रतलाम-झाबुआ सीट के मौजूदा सांसद जीडी डामोर का टिकट काटकर अनीता चौहान को प्रत्याशी बनाया गया। वर्तमान में वे जिला पंचायत अध्यक्ष हैं, जो एक तरफा चुनाव जीती थीं। इसके साथ मंत्री व आलीराजपुर विधायक नागरसिंह चौहान की पत्नी भी हैं। पहली बार लोकसभा का टिकट आलीराजपुर जिले को दिया गया है। बताते हैं कि मौजूदा सांसद डामोर का पार्टी में विरोध हो रहा था। सर्वे में सामने आया था कि उनसे विधायक और पदाधिकारी भी नाराज थे। इसके बाद बदलाव का फैसला लिया गया।