निगम अफसरों की मानें तो शहर में वर्तमान में स्थित पेड़ों को बचाने के लिए यह एक अनोखी मुहिम प्रारंभ की गई है। शहरी क्षेत्र में स्थित हर एक पेड़ पर जिओ टैग लगाया जाएगा। इस टैग में उस पेड़ के बारे में उम्र, प्रजाति आदि की पूरी जानकारी रहेगी और कोई भी व्यक्ति गूगल के माध्यम से उस पेड़ की जानकारी कहीं से भी ले सकेगा।
निगम मोबाइल एप भी बनाएगी। इसके माध्यम से लोग अपने द्वारा लगाए गए पौधे को पेड़ बनता देख सकेंगे। साथ ही पता कर सकेंगे कि उसकी क्या स्थिति है? कितना बड़ा हुआ और सूखा तो नहीं। एप के जरिए कभी भी पेड़ को देखा जा सकेगा।
एक तरफ निगम पेड़ बचाने के लिए इतना बड़ा काम कर रही है, वहीं दूसरी तरफ खुद विकास कार्य के नाम पर बेतरतीब तरीके से पेड़ों की बलि भी ले रही है। निगमायुक्त आशीष सिंह ने आदेश जारी कर रखा है कि विकास कार्य में बाधित पेड़ को काटने से पहले दूसरी जगह ट्रांसप्लांट करने का प्रयास करें या फिर विकास कार्य की ऐसी योजना बनाएं कि बिना पेड़ काटे काम हो जाए। निगम अफसरों और इंजीनियरों ने इस आदेश को ताक पर रख दिया है। इसका पालन किए बगैर पेड़ काट दिए जाते हैं, जो कि हरे-भरे रहते हैं। आयुक्त ने बहुत ही जरूरी स्थिति में पेड़ काटने के निर्देश दे रखे हैं, लेकिन पालन नहीं हो रहा है।