
देखिए सैयदना की वाअज पर बनी पेंटिंग्स
इंदौर. पिछले दिनों बोहरा समाज के धर्मगुरु ने मोहर्रम पर जो प्रवचन दिए उनके टॉपिक्स को लेकर बोहरा समाज के कलाकारों ने पेंटिंग्स बनाईं। ये नाइन डे चैलेंज इंस्टग्राम पर अनवर अल फुनून ने कलाकारों को दिया था और उस पर कलाकारों ने पेंटिंग्स बनाकर उनकी फोटोज अपलोड कीं। उन्हीं पेंटिंग्स की प्रदर्शनी सोमवार को एक होटल में लगाई गई। करीब १० कलाकारों की पेंटिंग्स यहां प्रदर्शित की गईं, जिनमें इंदौर सहित पूना, सूरत, तंजानिया, केन्या, यमन और कनाडा के आर्टिस्ट शाामिल हैं।
एग्जीबिशन की संयोजक और सैयदना साहब की पुत्रवधु जैनब जीआई खुद भी आर्टिस्ट हैं और उनकी पेंटिंग्स भी यहां प्रदर्शित हैं। जैनब ने बताया, दोपहर को वाअज खत्म होने के बाद हम इंस्टग्राम पर टॉपिक्स डालते थे और रात बारह बजे तक आर्टिस्ट पेंटिंग्स तैयार कर लेते थे। वैसे कुछ पेंटिंग्स एेसी भी हैं, जो मोहर्रम शुरू होने से पहले बनाई गई थीं।
यमन की इमारतें और जन जीवन
यमन के आर्टिस्ट मजहर निजार ने यमन की पुरानी इमारतों के आर्किटेक्चर, पुरानी मस्जिदों पर कई पेंटिंग्स बनाई हैं। उन्होंने यमन के शहरों और गांवों की गलियां और वहां का जनजीवन भी दिखाया है। वॉटर कलर और ऑइल कलर्स में बनी ये पेंटिंग्स खूबसूरत हैं और अरेबियन वास्तुकला से परिचित भी कराती हैं। केन्या की समीना ने मिस्र की मस्जिदों को दिखाया है। उन्होंने अपनी पेंटिंग्स को कूफी खत यानी अरबी की चित्रलिपी से सजाया है। कूफी खत में अरबी लिपी के अक्षर बेलबूटों की तरह नजर आते हैं पर ध्यान से देखने पर अक्षर दिखते हैं।
रफ्तार और कॉम्पीटिशन
पुणे के बुरहानुद्दीन नगरवाला ने फाइन आर्ट में मास्टर्स किया है। घोड़ों की रेस उनका प्रिय सब्जेक्ट है, क्योंकि इसमें रफ्तार भी है और कॉम्पीटिशन का जज्बा भी। उन्होंने कहा, वाअज में बताया था कि प्रतियोगिता दूसरों से नहीं खुद से होना चाहिए, इसलिए उन्होंने वही बात पेंटिंग्स के जरिए कहने की कोशिश की है। उनकी कुछ यूरोपियन स्टाइल की पेंटिंग्स भी खूबसूरत हैं, जिनमें सड़कों पर ट्रैफिक, समुद्र में बहती नावें और पुराने जमाने की ट्रॉम को भी हाइलाइट किया है।
महिला कलाकारों का काम
एग्जीबिशन में कई महिला कलाकारों का काम शामिल है। ज्यादातर महिला चित्रकार शौकिया चित्रकारी करती हैं। जैनब जीआई ने कहा, उन्हें शादी के बाद काहिरा में रहने का मौका मिला और उन्होंने वहीं अपने बचपन के शौक को डवलप किया। सैयदना साहब ने प्रकृति, पशु-पक्षियों के प्रति हमदर्दी की बात कही थी, इसलिए उन्होंने पक्षियों, फूलों आदि की पेंटिंग्स बनाई हैं। गुजरात में जिस तरह रानी की वाव है, वैसा ही स्टेप वेल उन्होंने यमन में देखा था, इसलिए उसे भी पेंट किया है। बेंंगलुरु की जैनब धारवाला ने चारकोल से घोड़ों की पेंटिंग्स बनाई हैं, जिनमें उन्होंने काफी डिटेल्स दी हैं। जैनब सैलानावाला ने भी घोड़े, हाथी, शेर आदि चित्रित किए हैं। तंजानिया की समीना साचक ने टाइगर की बड़े आकार की पेंटिंग बनाई है। कनाडा की मरियम दाऊद ने भी फूलों और पक्षियों को रचा है।
Updated on:
25 Sept 2018 09:36 am
Published on:
25 Sept 2018 09:25 am
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