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राजस्थान, दिल्ली सरकारी स्कूलों में इंटरनेट जुटाने में आगे, मप्र की ये है ​स्थिति

दिल्ली, पुडुचेरी में शत-प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट, टॉप पर गुजरात

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राजस्थान, दिल्ली  सरकारी स्कूलों में इंटरनेट जुटाने में आगे, मप्र की ये है ​स्थिति

राजस्थान, दिल्ली सरकारी स्कूलों में इंटरनेट जुटाने में आगे, मप्र की ये है ​स्थिति

भूपेन्द्र सिंह इंदौर @ इंदौर. सरकारी स्कूलों में निजी की तर्ज पर आधुनिक शिक्षा मुहैया कराने का दावा देशभर की सरकारें पूरा नहीं कर पा रही हैं। डिजिटल दौर में सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले गरीब वर्ग के बच्चों को इंटरनेट से पढ़ने को नहीं मिल रहा है। पुडुचेरी, दिल्ली को छोड़ दिया जाए तो अन्य राज्यों के शत-प्रतिशत सरकारी स्कूलों में इंटरनेट नहीं है।
देश में सबसे ज्यादा सरकारी स्कूलों में इंटरनेट जुटाने वाला राज्य राजस्थान है। इंदौर में 1168 स्कूलों में से 67 में ही इंटरनेट उपलब्ध है। राज्यवार सरकारी स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा की जानकारी लोकसभा में पेश हुई है। सांसद डॉ. डीएनवी सेंथिल कुमार एस के सवाल के जवाब में रिपोर्ट पेश हुई। इसके मुताबिक देश में कुल 10 लाख 22 हजार 386 स्कूल हैं, जिसमें से 2 लाख 47 हजार स्कूलों में इंटरनेट है। राजस्थान के बाद गुजरात, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ टॉप स्कूल हैं, जहां अन्य राज्यों के मुकाबले ज्यादा स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा है।

इंदौर: कई समाजसेवी भी आए आगे
इंदौर जिले की बात की जाए तो कुल 1168 सरकारी स्कूल है। जो प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी है। 168 हाई-हायर सेकंडरी स्कूल ऐसे है जिसमें अधिकांश में कंप्यूटर उपलब्ध है। 67 स्कूलों में ही आइसीटी लैब और अन्य मदों के तहत इंटरनेट जुटाया गया है। इसके विपरित प्राथमिक-माध्यमिक स्कूलों को देखा जाए तो अधिकांश में एक भी कम्प्यूटर-इंटरनेट नहीं है। कुछ स्कूलों में समाजसेवियों ने कम्प्यूटर उपलब्ध कराए है।

बच्चे कैसे जानेंगे इंटरनेट की दुनिया
राज्य सरकारें सरकारी स्कूलों को निजी से बेहतर बनाने का दावा करती हैं। लेकिन, हकीकत यह है कि निजी की तरह सुविधाएं जुटाना तो दूर कम्प्यूटर-इंटरनेट तक नहीं है। छोटा हो या बड़ा हर निजी स्कूल में इंटरनेट, कम्प्यूटर पर बच्चों को तकनीकी शिक्षा दी जा रही है। इसके अलग गरीब वर्ग के बच्चे डिजिटल दौर में इंटरनेट की दुनिया से दूर है।

प्रदेश-----------कुल स्कूल------ इंटरनेट सुविधा

राजस्थान----- 68948---------- 36889

महाराष्ट्र------- 65639---------- 18540

मध्यप्रदेश------ 92695--------- 16469

छत्तीसगढ़------ 48743--------- 16469

दिल्ली---------- 2762------------ 2762

पुडुचेरी---------- 422------------- 422

लक्ष्यद्वीप------ 38--------------- 37