– वरिष्ठ समाज सेवी राम बक्शानी ने कहा, सिंधी पानी की तरह है। आजादी के बाद सिंधी जहां जहां भी गए वहां पानी की तरह सभी अन्य समाजों में घुल मिलकर रहने लगे और यही उनकी तरक्की का आधार व कारण है। सिंधी परम्पराओं, व्यंजनों, संस्कृति व सभ्याता को हर हालत में जीवित रखने का आव्हान करते हुए कहा कि यही हमारी पहचान है, जिसे अगर भूलाया गया तो हमारा अस्तित्व खत्म हो जाएगा।
– विशेष अतिथि अशोक सावलानी ने कहा, जिन्होंने भारत देश में अनेक शहरों के सिंधी गरीब परिवारों के लिए आवास योजना को अंजाम देकर उनका जीवन स्तर उठाने का महत्वपूर्ण काम किया है वे सम्माननीय हैं।