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अस्पताल में नवजात की मौत, जांच में दोषी मिले प्रभारी, ड्यूटी डॉक्टर, नर्स और सिस्टर ये मामला कनाडिय़ा एसडीएम सोहन कनाश की अदालत में चल रहा है। 2018 के अंत में प्रमिला जैन पति अशोक जैन और राधिका जैन पिता अशोक जैन निवासी साकेत मनीष पुरी ने एक आवेदन लगाया था। कहना था कि 1998 में उन्होंने कनाडिय़ा के सर्वे नंबर 108/2 की 0.304 हेक्टेयर जमीन गुलाब बाई पति रामचंद्र, विष्णु, ओम प्रकाश पिता रामचंद्र, नंदकिशोर, रमेशचंद्र पिता भागीरथ पाटीदार निवासी खजराना से खरीदी थी।
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बलात्कार पीडि़ता ने बच्चे को दिया जन्म, फिर दिखाई बेरुखी, नवजात की मौत जमीन लेने के बाद में परिवार निश्ंिचत हो गया। कुछ माह पहले उन्होंने जमीन की खसरा नकल निकाली तो सकते में आ गए। पहला नाम प्रमिला पति अशोक जैन तो ठीक था, लेकिन दूसरे में राधिका जैन पिता अशोक जैन के बजाय पति प्रमोद कुमार जैन नाम चढ़ा हुआ था। ये देख वे घबराए तुरंत एसडीओ की अदालत में आवेदन किया। तत्कालीन एसडीओ रविश श्रीवास्तव ने आरआई व पटवारी से रिपोर्ट बुला ली। इस बीच में उनका तबादला सांवेर हो गया। उनकी जगह एसडीएम कनेश आ गए। आरआई की रिपोर्ट आने के बावजूद कनेश मानने को तैयार नहीं।
फिर से मांगी तहसीलदार से रिपोर्ट 4 अप्रैल को कनेश ने तहसीलदार को फिर से चिट्ठी लिखकर जानकार मांगी। कहना है कि जमीन का नामांतरण कब हुआ उसके बाद व वर्तमान खसरे की नकल लगाई जाए ताकि आगे की कार्रवाई की जाए। मजेदार बात ये है कि फाइल में सारे दस्तावेज पहले ही लगे हुए हैं। इसको भी तीन माह से अधिक हो गए हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ जैन परिवार कलेक्टोरेट के चक्कर लगा रहा है।
लगा दिया शपथ पत्र राधिका जैन ने स्टाम्प पर बकायदा शपथ पत्र देकर बयान भी दर्ज करा दिया कि उनका प्रमोद जैन नामक शख्स से कोई लेना-देना नहीं है। गलती से चढ़ गया होगा। उस गलती को दुरूस्त कर राधिका पिता अशोक जैन नाम दर्ज करें। इसके बावजूद उन्हें तारीखों पर आरोपियों की तरह चक्कर लगाना पड़ रहे हैं।
कलेक्टर ने लगाई थी फटकार सोमवार को टीएल बैठक में कलेक्टर लोकेश कुमार जाटव ने सभी तहसीलदार और एसडीओम को फटकार लगाई थी। वे आरसीएमएस में चल रहे प्रकरणों को लेकर नाराज थे। उनका कहना था कि राजस्व के कामों को कोई भी गंभीरता से नहीं ले रहा है। लगातार पेंडेंसी बढ़ती जा रही है और विभाग की लापरवाही से जनता परेशान है।